काठमांडू : नेपाल में नौ मार्च को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए शनिवार को नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई. इस चुनाव के बाद देश के राजनीतिक समीकरण में बदलाव आने के आसार है, क्योंकि प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने गठबंधन सरकार में साझेदार पार्टी के प्रत्याशी से किनारा कर विपक्षी नेपाली कांग्रेस के नेता रामचंद्र पौडयाल का इस शीर्ष पद के लिए समर्थन किया है.
निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के मुताबिक देश के शीर्ष संवैधानिक पद के लिए पूर्वाह्न 10 बजे से अपराह्न तीन बजे तक निर्वाचन आयोग में नामांकन पत्र दाखिल किया जा सकता है. पौडयाल (78) के निवर्तमान राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी का उत्तराधिकारी बनने की प्रबल संभावना है क्योंकि आठ पार्टियों, नेपाली कांग्रेस, नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएन)-माओइस्ट सेंटर, सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट, राष्ट्रीय जनता पार्टी, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनमोर्चा, नागरिक उन्मुक्ति पार्टी और जनमत पार्टी ने उनके पक्ष में मतदान करने का फैसला किया है.
माओइस्ट सेंटर के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री 'प्रचंड' ने सीपीएन-यूएमएल अध्यक्ष के पी शर्मा ओली को झटका देते हुए सत्तारूढ़ गठबंधन से बाहर का राष्ट्रपति चुनने का फैसला किया है. राष्ट्रपति चुनाव में पार्टियों के रुख से सात पार्टियों के सत्तारूढ़ गठबंधन के भविष्य को लेकर गंभीर सवाल पैदा हो गए हैं. प्रधानमंत्री प्रचंड ने एक बैठक के दौरान नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार को नए राष्ट्रपति के लिए समर्थन करने का प्रस्ताव किया.
उन्होंने तर्क दिया कि संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार का चुनाव देश में राष्ट्रीय सहमति बनाने के लिए आवश्यक है. बैठक में शामिल सभी पार्टियों ने प्रचंड के प्रस्ताव का समर्थन किया. नियमों के मुताबिक राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन भरने के दौरान किसी उम्मीदवार के लिए पांच संसद सदस्यों की प्रस्तावक के रूप में और इतने ही सदस्यों की आवश्यकता उम्मीदवारी के अनुमोदन के लिए होती है.