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मोरारी बापू की कथा में यूके PM ऋषि सुनक, लगाया जय सियाराम का जयकारा, बोले हिंदू की तरह हुआ शामिल

ऋषि सुनक ने मोरारी बापू के रामायण पाठ में भाग लिया.उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री की तरह नहीं, बल्कि हिंदू होने के नाते रामकथा सुनने आए हैं. सुनक ने व्यास पीठ पर पुष्पांजलि अर्पित की. उन्होंने अपने संबोधन में सबसे पहले जय सिया राम का जयकारा लगाया. पढ़ें पूरी खबर...

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ऋषि सुनक

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Published : Aug 16, 2023, 8:01 AM IST

कैम्ब्रिज : यूनाइटेड किंगडम के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने मंगलवार को कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में आध्यात्मिक कथा वाचक मोरारी बापू के रामायण पाठ में भाग लिया. उन्होंने कहा कि वह वहां एक हिंदू के रूप में उपस्थित थे, न कि यूनाइटेड किंगडम के एक प्रधान मंत्री के रूप में. 'जय सिया राम' के उद्घोष के साथ अपना संबोधन शुरू करते हुए, पीएम सुनक ने कहा कि कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर मोरारी बापू की राम कथा में उपस्थित होना उनके लिए सम्मान की बात है.

आगे उन्होंने कहा कि वह वहां एक हिंदू के तौर पर थे. उन्होंने कहा कि मैं आज यहां एक प्रधानमंत्री के रूप में नहीं बल्कि एक हिंदू के रूप में हूं. मेरे लिए आस्था बहुत व्यक्तिगत है. यह मेरे जीवन के हर पहलू में मेरा मार्गदर्शन करती है. सुनक ने कहा कि प्रधानमंत्री बनना बड़ा सम्मान है लेकिन यह आसान काम नहीं है.

सुनक ने कहा कि कठिन निर्णय लेने होते हैं. कठिन विकल्पों का सामना करना पड़ता है. हमारा विश्वास मुझे अपने देश के लिए सर्वश्रेष्ठ करने के लिए साहस, ताकत और लचीलापन देता है. उन्होंने कहा कि मेरे लिए, जीवन की चुनौतियों का साहस के साथ सामना करने, विनम्रता के साथ शासन करने और निस्वार्थ भाव से काम करने के लिए भगवान राम हमेशा एक प्रेरणादायक व्यक्ति रहेंगे.

सुनक ने कहा कि वह उस तरह नेतृत्व करने की इच्छा रखते हैं जिस तरह हिंदू धर्मग्रंथों ने नेताओं को नेतृत्व करना सिखाया है. सुनक ने कहा कि बापू आपके आशीर्वाद से, मैं उसी तरह नेतृत्व करने की इच्छा रखता हूं जैसे हमारे धर्मग्रंथों ने नेताओं को नेतृत्व करना सिखाया है.

अपने अतीत के दिनों को याद करते हुए सुनक ने कहा कि जब मैं चांसलर था, तब 11 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर दिवाली के लिए दीये जलाना मेरे लिए एक अद्भुत और विशेष क्षण था. सुनक ने कहा कि जैसे बापू की पृष्ठभूमि में सुनहरे हनुमान हैं, वैसे ही मुझे गर्व है कि 10 डाउनिंग स्ट्रीट में मेरी मेज पर सुनहरे गणेश विराजमान हैं. ऋषि सुनक ने कहा कि यह (भगवान गणेश की स्वर्ण प्रतिमा) मुझे फैसले लेने से पहले मुद्दों को सुनने और उन पर विचार करने के महत्व की लगातार याद दिलाती है. मुझे ब्रिटिश होने पर गर्व है. हिंदू होने पर गर्व है.

उन्होंने कहा कि हमारे मूल्य और बापू अपने जीवन में हर दिन जो करते हैं, वह निस्वार्थ सेवा, भक्ति और विश्वास बनाए रखने के मूल्य हैं. लेकिन शायद सबसे बड़ा मूल्य कर्तव्य या 'सेवा' है, जैसा कि हम जानते हैं. सुनक ने आगे कहा कि वह सिर्फ रामायण ही नहीं बल्कि भागवत गीता और हनुमान चालीसा का पाठ भी करते हैं. उन्होंने कहा कि मैं आज यहां से उस रामायण को अपने ध्यान में रखते हुए याद करते हुए जा रहा हूं जिस पर बापू बोलते हैं, बल्कि भागवत गीता और हनुमान चालीसा को भी याद कर रहा हूं.

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उन्होंने मोरारी बापू को भी धन्यवाद दिया. सुनक ने कहा कि आपकी शिक्षाओं में सत्य, प्रेम और करुणा है और वे अब पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ये हिंदू मूल्य बहुत ही साझा ब्रिटिश मूल्य हैं. उन्होंने अपने माता-पिता और दादा-दादी की पीढ़ियों को भी धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके प्रयासों के बिना उनकी पीढ़ी इस मुकाम पर नहीं होती.

(एएनआई)

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