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EAM Jaishankar Vietnam Visit : जयशंकर ने वियतनाम में रवींद्रनाथ टैगोर की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया

विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने वियतनाम दौरे के क्रम में बाक निन्ह शहर में नोबेल पुरस्कार विजेता लेखक-कवि रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत और वियतनाम के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंध हजारों वर्ष पुराने हैं.

External Affairs Minister S Jaishankar
विदेश मंत्री एस जयशंकर

By PTI

Published : Oct 15, 2023, 5:32 PM IST

Updated : Oct 15, 2023, 5:41 PM IST

हनोई : विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने नोबेल पुरस्कार विजेता लेखक-कवि रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) की आवक्ष प्रतिमा का रविवार को बाक निन्ह शहर में अनावरण करते हुए कहा कि भारत और वियतनाम के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंध लगभग 2,000 साल पुराने हैं, जो बौद्ध धर्म की विरासत से जुड़े हैं. जयशंकर ने टैगोर की प्रतिमा स्थापित करने में मदद करने के लिए हनोई के पूर्व में स्थित बाक निन्ह प्रांत के नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त किया.

उन्होंने कहा, 'भारत और वियतनाम के ऐतिहासिक संबंध करीब दो हजार साल पुराने हैं, जो बौद्ध धर्म की विरासत से जुड़े हैं. बाक निन्ह प्रांत भी इसी प्राचीन परंपरा का हिस्सा है. ऐतिहासिक अभिलेख इस बात की पुष्टि करते हैं कि भारतीय बौद्ध भिक्षुओं ने वियतनाम में बौद्ध धर्म की शुरुआत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.' उन्होंने उद्घाटन समारोह में कहा, 'आज एक असाधारण भारतीय व्यक्तित्व गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के सम्मान में एक और उल्लेखनीय स्मारक की स्थापना की गई है. टैगोर एक प्रसिद्ध चित्रकार, शिक्षक, मानवतावादी, संगीतकार और एक बहुत ही गहन विचारक थे.'

जयशंकर ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि टैगोर के कार्यों को पूरे वियतनाम में व्यापक रूप से पहचाना जाता है, पढ़ा जाता है और सराहा जाता है और उन्हें वियतनामी पाठ्यपुस्तकों में शामिल किया गया है. विदेश मंत्री ने कहा, 'यह जानकर वाकई खुशी हुई कि टैगोर की गीतांजलि का वियतनामी में अनुवाद किया गया और इसे 2001 में प्रकाशित किया गया. ऐतिहासिक रिकॉर्ड बताते हैं कि टैगोर ने 1929 में हो ची मिन्ह सिटी की तीन दिवसीय यात्रा की थी, जिसका वियतनाम पर एक स्थायी बौद्धिक और सामाजिक-सांस्कृतिक प्रभाव पड़ा.'

कविता संग्रह गीतांजलि टैगोर की सबसे प्रसिद्ध कृति है, जो 1910 में भारत में प्रकाशित हुई थी. टैगोर को इसके अंग्रेजी अनुवाद 'सॉन्ग ऑफरिंग्स' के लिए साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और वह 1913 में यह सम्मान पाने वाले पहले गैर-यूरोपीय बने थे. जयशंकर ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि वियतनाम ने 1982 में टैगोर के सम्मान में एक डाक टिकट जारी किया था.

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Last Updated : Oct 15, 2023, 5:41 PM IST

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