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ukraine war : रूस पर सख्त प्रतिबंधों से जनजीवन प्रभावित, दवाइयों की भी किल्लत - ukraine russia special military operation

यूक्रेन पर रूस के हमले (Ukraine Russia war) के बाद पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की आंच आम आदमी (heat of sanctions on Russia) महसूस करने लगा है. देश में भुगतान तंत्र (पेमेंट सिस्टम) अब काम नहीं कर रहा है. नकदी निकासी को लेकर भी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

heat of sanctions on Russia
यूक्रेन युद्ध आम आदमी पर प्रतिबंधों की आंच

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Published : Mar 3, 2022, 2:16 PM IST

मॉस्को : यूक्रेन में रूस के स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन (ukraine russia special military operation) के कारण मानवीय संकट गहराता जा रहा है. गत आठ दिनों से जारी युद्ध (ukraine war) के कारण यूरोप के कई देशों ने रूस पर सख्त आर्थिक पाबंदियां लगाई हैं. इसी बीच युद्ध के चलते रूस पर लगे प्रतिबंधों की आंच आम आदमी भी महसूस करने लगा है. रूस के स्थानीय निवासी तेत्याना उस्मानोवा ने समाचार एजेंसी 'एसोसिएटेड प्रेस' (एपी) से कहा,' एप्पल पे कल से काम नहीं कर रहा है.

रूस में सीमित मात्रा में खरीदारी
तेत्याना उस्मानोवा ने बताया कि मॉस्को में एप्पल पे काम नहीं कर रहा, इससे बस में, कैफे में, कहीं भुगतान नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा, एक सुपरमार्केट ने प्रति व्यक्ति समान खरीद की मात्रा सीमित कर दी है. बता दें कि एप्पल ने घोषणा की है कि वह रूस में अपने आईफोन और अन्य उत्पाद बेचना बंद कर रहा है साथ ही एप्पल पे जैसी सुविधाओं को भी सीमित करेगा.

फॉरेन करेंसी एक्सचेंज में परेशानी
बड़ी संख्या में विदेशी और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने रूस में अपने कारोबार को बंद कर दिया है. कई लोगों ने 'एपी' से बातचीत में बताया कि इन कदमों से उनकी दैनिक जिंदगी पर काफी असर पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि देश की मुद्रा रूबल को विदेशी मुद्रा में बदलने में मुश्किलें आ रही हैं, एटीएम के बाहर लंबी लाइनें हैं और कई बैंक के कार्ड को एटीएम नहीं स्वीकार कर रहे हैं अर्थात उनसे निकासी की सुविधा बंद है. कुछ लोगों ने बताया कि खाने पीने के सामान के दाम भी बढ़ने लगे हैं.

विपक्षी नेता का तीखा सवाल
रूस में विपक्ष की नेता यूलिया गालयेमिना ने बुधवार को फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'दाम बढ़ने की समस्या का सामना कर रहे हैं, पेंशन रुकी हुई हैं.....' उन्होंने लिखा, 'दवाइयों और चिकित्सीय साजो सामान की कमी हो रही है. हम 1990 को अब कम खराब वक्त के तौर पर याद करेंगे. लेकिन मेरा प्रश्न है कि 'किस लिए'?

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युद्ध के विरोध में हिरासत में लिए गए लोग
गौरतलब है कि देश में बड़ी संख्या में लोग युद्ध के खिलाफ हैं और इसे रोकने के लिए सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. मानवाधिकार समूह 'ओवीडी-इन्फो' के अनुसार बीते कुछ वक्त में सात हजार से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है.

(पीटीआई-भाषा)

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