दिल्ली

delhi

ETV Bharat / international

जानिए अमेरिका ने क्यों गिराए हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम

दूसरे विश्वयुद्ध में जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमला किया गया जिससे भयानक तबाही हुई. जानिए क्यों अमेरिका ने जापान के इन शहरों पर बम गिराए? क्या अमेरिकी का ऐसा करना सही था...

जानिए क्यों अमेरिका ने परमाणु हमला किया
जानिए क्यों अमेरिका ने परमाणु हमला किया

By

Published : Aug 7, 2020, 11:32 AM IST

हैदराबाद : मैनहट्टन प्रोजेक्ट पर काम करने वाले अमेरिकी वैज्ञानिकों ने मई में जर्मनी के नाजी के आत्मसमर्पण के बाद जुलाई 1945 में परमाणु बम का सफल परीक्षण किया था. तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रूमैन ने युद्ध पर हेनरी स्टिमसन के सचिव की अध्यक्षता में सलाहकारों की एक समिति बनाई थी, जो यह विचार करने के लिए थी कि जापान पर परमाणु बम गिराना है या नहीं. इंडिपेंडेंस मिसौरी में हैरी एस. ट्रूमैन प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी के पर्यवेक्षक सैम रुशाय ने सीएनएन को बताया कि उस समय समिति के सदस्यों के बीच बम गिराने के निर्णय के समर्थन में व्यापक सहमति थी.

स्टिम्सन अड़े हुए थे कि बम का इस्तेमाल किया जाए. हार्वर्ड विश्वविद्यालय के इतिहास के प्रोफेसर चार्ल्स मैयर ने कहा कि ट्रूमैन के हाथ में कोई और निर्णय लेना भी संभव था. उन्होंने कहा कि अमेरिकी जनता के सामने जवाब देना मुश्किल हो जाएगा जब वो पूछेगी कि क्यों युद्ध को लंबा खींचा गया जब हथियार उपलब्ध थे तो. इसे बहुत सारी मुश्किलों से बचने का आसान समाधान समझा गया.

द्वितीय विश्व युद्ध पर पाठ्यक्रम सिखाने वाले मायर ने कहा कि जापान बिना शर्त आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार नहीं था और इस बात की चिंता थी कि युद्ध से काम नहीं होगा.

रूशाय ने बताया कि जापान को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करने के लिए विस्फोट किया गया होगा. इसके पक्ष में वैज्ञानिकों का समूह और युद्ध के सहायक सचिव जॉन मैककॉयल थे. उन्होंने कहा कि ट्रूमैन और उनके सैन्य सलाहकारों को जापान में व्यापक विध्वंस की आशंका थी.

मायर ने कहा कि अमेरिकी सैन्य योजनाकारों को विश्वास था कि जापानी अपनी अंतिम सांस तक लड़ेगा. आत्मघाती हमले आज काफी आम चुके हैं, लेकिन उस समय जापानियों के आत्मघाती कामिकेज हमलों ने अमेरिकी सैना पर कठोर निर्णय लेने का मनोवैज्ञानिक प्रभाव डाला था.

मायर ने बताया कि अमेरिकी सेना यह कहने के लिए तैयार नहीं थी कि बम के बिना युद्ध जीता जा सकता है. कुछ इतिहासकारों ने अनुमान लगाया है कि युद्ध में सोवियत संघ के प्रवेश की संभावना ने बम का उपयोग करके युद्ध को त्वरित अंत तक लाने के निर्णय में मदद की.

रुशाय ने कहा कि हिरोशिमा चार संभावित ठिकानों में से एक था और ट्रूमैन ने यह तय करने के लिए सेना पर छोड़ दिया कि किस शहर पर हमला किया जाए. अपने सैन्य महत्व के कारण हिरोशिमा को एक लक्ष्य के रूप में चुना गया था. नागासाकी पर कुछ दिनों बाद बमबारी की गई. अमेरिका एकमात्र ऐसा देश है जिसने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया है.

क्या कहते हैं आलोचक

बम विस्फोट से हुई तबाही की काफी आलोचना की गई. 1963 के अपने संस्मरण "बदलाव के लिए जनादेश" में पूर्व राष्ट्रपति आइजनहावर ने परमाणु बम के उपयोग की आलोचना करते हुए कहा कि वे जापान को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करने के लिए आवश्यक नहीं थे.

1958 में हिरोशिमा की नगर परिषद ने परमाणु बम का उपयोग करने के लिए पछतावा व्यक्त करने और आपातकालीन स्थिति में उनके उपयोग की वकालत जारी रखने के लिए ट्रूमैन की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया. प्रस्ताव में कहा गया कि शहर के निवासी "इसे विश्व शांति की आधारशिला मानते हैं और दुनिया के किसी भी देश को परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की गलती को दोहराने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए."

ABOUT THE AUTHOR

...view details