इस्लामाबाद : पाकिस्तान के मजहबी और दक्षिणपंथी दलों के जोरदार विरोध के बीच संसद ने धनशोधन एवं आतंकवाद के वित्तपोषण पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय निगरानी संस्था एफएटीएफ की कड़ी शर्तों के संबंध में तीसरे विधेयक को मंजूरी दे दी है.
यह विधेयक वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की ग्रे सूची से व्हाइट सूची में आने की पाकिस्तान की कवायद का हिस्सा है.
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को 2018 में ग्रे सूची में डाल दिया था और उससे 2019 के अंत तक कार्य योजना लागू करने को कहा था, लेकिन कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण इस समय सीमा को बढ़ा दिया गया.
दो बड़े विपक्षी दलों- पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के साथ दो दिन के विचार-विमर्श के बाद संसद की संयुक्त बैठक में बृहस्पतिवार को आपसी कानूनी सहायता (आपराधिक मामला) विधेयक, 2020 लागू किया गया, जो देशों के साथ अपराधियों एवं सूचना के आदान-प्रदान से जुड़ा है.
डॉन न्यूज ने बताया कि सरकार ने विपक्ष द्वारा प्रस्तावित दो दर्जन से अधिक संशोधन शामिल करने पर सहमति जताई, जिसके बाद यह विधेयक धार्मिक एवं राष्ट्रवादी दलों के विरोध के बीच बहुमत से पारित किया गया.