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पाकिस्तान ने चरमपंथी संगठन टीएलपी को प्रतिबंधित संगठनों की सूची से बाहर किया

पाकिस्तान ने फ्रांस में प्रकाशित ईशनिंदा कार्टून के मुद्दे पर सरकार को फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने के लिए मजबूर करने चरमपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान को अप्रैल में प्रतिबंधित कर दिया गया था.

चरमपंथी संगठन टीएलपी
चरमपंथी संगठन टीएलपी

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Published : Nov 7, 2021, 2:46 AM IST

इस्लामाबाद :पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सरकार विरोधी आंदोलन को समाप्त करने के लिए कट्टर इस्लामवादियों के आगे झुकते हुए चरमपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) को प्रतिबंधित संगठनों की सूची से बाहर करने की शनिवार को अनुमति दे दी.

फ्रांस में प्रकाशित ईशनिंदा कार्टून के मुद्दे पर सरकार को फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने के लिए मजबूर करने के वास्ते संगठन द्वारा किए गए हिंसक विरोध के बाद अप्रैल में इसे प्रतिबंधित कर दिया गया था.

संगठन पिछले महीने एक बार फिर सड़कों पर उतर आया और हिंसक विरोध के बाद सरकार के साथ उसने एक समझौता किया. हालांकि समझौते का विवरण जनता के साथ साझा नहीं किया गया, लेकिन कुछ नेताओं के बयान से यह सामने आया कि इसमें संगठन पर प्रतिबंध हटाना शामिल था.

हाल के दिनों में टीएलपी कार्यकर्ताओं और कानून प्रवर्तन अधिकारियों के बीच भीषण टकराव के दौरान 10 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 21 लोगों की जान चली गई.

पंजाब सरकार द्वारा गृह मंत्रालय के माध्यम से एक रिपोर्ट भेजे जाने के बाद प्रधानमंत्री खान ने टीएलपी से प्रतिबंध हटाने की मंजूरी दे दी.

शनिवार को पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने टीएलपी के कई नेताओं को आतंकवाद से संबंधित धाराओं के तहत दर्ज मामलों में जमानत दे दी. डॉन समाचार पत्र की खबर के मुताबिक, शनिवार को जमानत पाने वाले सभी लोगों के खिलाफ पिछले महीने पंजाब प्रांत में टीएलपी कार्यकर्ताओं और सुरक्षा अधिकारियों के बीच हुई झड़पों के बाद आतंकवाद से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.

रिपोर्ट में कहा गया है कि न्यायाधीश एजाज अहमद बटर और न्यायाधीश हुसैन भुट्टा ने 20 से अधिक मामलों में जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की. अदालत ने सभी टीएलपी नेताओं को एक-एक लाख रुपये का मुचलका जमा करने का निर्देश दिया.

पाकिस्तान सरकार के वार्ताकारों की टीम, जिसमें प्रभावशाली मौलवी भी शामिल हैं, ने 31 अक्टूबर को दावा किया था कि प्रतिबंधित संगठन के साथ आम सहमति बन गयी है, लेकिन उन्होंने इस संबंध में कोई विवरण देने से इनकार कर दिया था.

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डॉन समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, टीएलपी नेतृत्व को आश्वासन दिया गया था कि पाकिस्तान सरकार उनके खिलाफ मामूली मामलों पर जोर नहीं देगी लेकिन आतंकवाद रोधी कानून के तहत दर्ज मामलों का फैसला अदालतों द्वारा किया जाएगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने टीएलपी को यह भी आश्वासन दिया है कि उनके खिलाफ प्रतिबंध हटाने के लिए कदम उठाए जाएंगे.

इस बीच, पंजाब के गृह विभाग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि पिछले हफ्ते कानून व्यवस्था के तहत हिरासत में लिए गए 860 टीएलपी कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया गया है.

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