इस्लामाबाद : पाकिस्तान केप्रधानमंत्री इमरान खान (Pak PM Imran Khan) ने कहा कि पाकिस्तान तालिबान का प्रवक्ता नहीं है और अमेरिका तथा उसके सहयोगियों के सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान में आतंकी समूह की कार्रवाई के लिए इस्लामाबाद को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.
अफगान मीडिया प्रतिनिधियों के लिए अपनी टिप्पणियों में खान ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान में जो भी रहेगा उसके साथ पाकिस्तान के अच्छे संबंध होंगे. खान का यह बयान गुरुवार को प्रसारित किया गया.
'डॉन' अखबार के मुताबिक खान ने कहा कि तालिबान जो कर रहा है या नहीं कर रहा है, उसका हमसे कोई लेना-देना नहीं है. हम इन सब चीजों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं, न ही हम तालिबान के प्रवक्ता हैं. खान की यह टिप्पणी ऐसे वक्त आयी है जब पाकिस्तान बार-बार कह रहा है कि अफगान शांति प्रक्रिया में किसी भी अवरोध के लिए उसकी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी. तालिबान से हुए समझौते के तहत अमेरिका और नाटो अपने सभी सैनिकों को बुलाएगा और तालिबान अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र में आतंकी समूहों पर लगाम लगाएगा.
अफगानिस्तान में हो रहे घटनाक्रम से पाकिस्तान को अलग करते हुए खान ने कहा कि हम सब अफगानिस्तान में अमन-चैन चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अफगानों के पास विकल्प था कि या तो अमेरिका समर्थित सैन्य समाधान में संलिप्त रहे या एक राजनीतिक समझौता करना जहां एक समावेशी सरकार हो. उन्होंने कहा दूसरा विकल्प ही एकमात्र समाधान है.
खान ने सवाल किया कि पाकिस्तान में तीस लाख अफगान शरणार्थी हैं, उनमें से लगभग सभी पश्तून हैं और अधिकांश की तालिबान के साथ सहानुभूति होगी. पाकिस्तान कैसे देखेगा कि वहां कौन लड़ने जा रहा है, जब हर दिन 30,000 लोग सीमा पार कर रहे. पाकिस्तान कैसे इसे रोकेगा?