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हर कीमत पर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा पूरा करेंगे : इमरान खान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने चीन को सदाबहार दोस्त बताया है. इस दौरान इमरान खान ने कहा कि उनकी सरकार किसी भी कीमत पर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) को पूरा करेगी. इससे दोनों देशों की दोस्ती और प्रगाढ़ होगी. पढ़ें पूरी खबर...

imran khan and jinping
इमरान खान और जिनपिंग

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Published : Jul 4, 2020, 8:12 PM IST

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार महत्वाकांक्षी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) किसी भी कीमत पर पूरा करेगी. उन्होंने कहा कि 60 अरब डॉलर की यह परियोजना दो देशों की सदाबहार दोस्ती का प्रतीक है.

पाक मीडिया के अनुसार, खान ने सीपीईसी परियोजना की प्रगति की समीक्षा के लिए इस्लामाबाद में आयोजित एक बैठक में कहा कि यह पाकिस्तान के आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए शानदार परियोजना है. उन्होंने कहा कि यह विशाल व बहुआयामी मुहिम पाकिस्तान के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है.

खान ने सीपीईसी प्राधिकरण के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि इसकी कार्यशैली और दक्षता बढ़ाने के लिए उपाय करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, 'यह गलियारा पाकिस्तान तथा चीन की दोस्ती का प्रतीक है और मेरी सरकार इसे किसी भी कीमत पर पूरा करेगी व पाकिस्तान के हर नागरिक तक इसके फायदे पहुंचाएगी.'

खान का यह बयान ऐसे समय आया है जब चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने एक ही दिन पहले पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के साथ फोन पर हुई बातचीत में सीपीईसी परियोजना के बारे में चर्चा की थी.

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वांग ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सीपीईसी की परियोजनाओं को तेज करने की जरूरत पर बल दिया था. उन्होंने यह भी उम्मीद व्यक्त की थी कि पाकिस्तान की सरकार वहां काम कर रही चीन की कंपनियों व चीन के लोगों को बेहतर सुरक्षा मुहैया कराएगी.

सीपीईसी पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित ग्वादर बंदरगाह को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ता है. यह चीन की कई अरब डॉलर की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) की प्रमुख परियोजना है.

चीन के एक अधिकारी ने पिछले महीने स्वीकार किया था कि बीआरआई के तहत अधिकांश परियोजनाएं कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित हुई हैं.

सीपीईसी पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर से होकर गुजरता है. इस कारण भारत शुरुआत से ही इस परियोजना का विरोध करता आया है.

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