नई दिल्ली : भारत में वांछित आतंकवादियों मौलाना मसूद अजहर और हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई करने समेत एफएटीएफ के दिए छह प्रमुख कार्यों को पूरा नहीं करने तथा उसकी आधिकारिक सूची से अचानक से 4,000 से अधिक आतंकवादियों के गायब हो जाने के बाद पाकिस्तान के 'ग्रे सूची' में ही बने रहने की संभावना है. अधिकारियों ने रविवार को यह बात कही.
वित्तीय कार्य कार्रवाई बल (एफएटीएफ) का डिजिटल पूर्ण सत्र 21-23 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा, जिसमें धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक प्रतिबद्धताओं और मानकों को पूरा करने में इस्लामाबाद के प्रदर्शन की पूरी तरह समीक्षा के बाद उसके ग्रे सूची में बने रहने पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
घटनाक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान को आतंकवाद के वित्तपोषण को पूरी तरह रोकने के लिए कुल 27 कार्ययोजनाएं पूरी करने की जिम्मेदारी दी थी, जिनमें से उसने अभी 21 को पूरा किया है और कुछ काम पूरे नहीं कर सका है.
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