इस्लामाबाद : पाकिस्तान की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में सजा पर सुनवाई आठ सप्ताह के लिए टाल दी. दरअसल उनकी तबीयत में काफी गिरावट होने के कारण रिहाई से जमानत देने का रास्ता साफ हुआ है.
बता दें कि 69 वर्षीय शरीफ को सोमवार की रात को पाकिस्तान के एंटी-ग्राफ्ट बॉडी की कस्टडी सेवा में अस्पताल में भर्ती कराया गया था क्योंकि उनका प्लेटलेट्स 2,000 के निचले स्तर तक गिर गया था.
शरीफ को अल अजीजिया मामले में पिछले साल दिसम्बर में सात साल की जेल की सजा सुनायी गयी थी. उन्हें इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) द्वारा चिकित्सा आधार पर शनिवार को अंतरिम जमानत दी गयी थी.
गौरतलब है कि IHC की दो सदस्यीय पीठ ने, जिसमें न्यायमूर्ति आमिर फारूक और न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कियानी शामिल हैं. मामले की सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट में शरीफ की सेहत के बारे में ताजा रिपोर्ट पेश की गयी.
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शरीफ के निजी डॉक्टर ने अदालत को बतायी स्थिति
शरीफ के वकील और निजी डॉक्टर ने अदालत को बताया कि अनियमित प्लेटलेट्स काउंट के कारण उनकी स्थिति अच्छी नहीं थी. शरीफ का इलाज करने वाले डॉक्टरों के अनुसार, वह एक ऑटोइम्यून रक्त विकार से पीड़ित है. इसमें तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता है.
तर्कों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसकी घोषणा कुछ समय बाद की जाएगी.
अदालत ने उनकी सजा को निलंबित करते हुए आठ सप्ताह की जमानत देने का आदेश दिया. साथ में यह भी कहा कि उन्हें जमानत में किसी भी विस्तार के लिए पंजाब सरकार से सम्पर्क करना चाहिए.
अदालत के अनुसार शरीफ की रिहाई के लिए दो-दो करोड़ रुपये का दो जमानती बांड अदालत में पेश करना होगा.
शरीफ पहले कोट लखपत जेल में थे, लेकिन इस महीने की शुरुआत में नेशनल एकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) की हिरासत में भेज दिया गया था, जो चौधरी शुगर मिल मामले में शरीफ परिवार की जांच कर रहा है.