कोलंबो: भारत और श्रीलंका के बीच 1987 में हुए शांति समझौते का विरोध करने के लिए बर्खास्त किए गए महिंदा यपा अबेवर्धना को सर्वसम्मति से श्रीलंका की नई संसद का अध्यक्ष चुना गया है. देश में पांच अगस्त को हुए आम चुनावों के बाद गुरुवार को संसद की पहली बैठक हुई.
नौवीं संसद के उद्घाटन सत्र में विदेश मंत्री दिनेश गुनावर्धना ने इस पद के लिए अबेवर्धना का नाम प्रस्तावित किया. विपक्षी सांसद रंजीत मद्दुमा बंडारा ने उनके नाम का अनुमोदन किया.
नियुक्त किए जाने के फौरन बाद अबेवर्धना (75) को प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और अन्य सासंदों ने बधाई दी. दक्षिणी जिले मातारा से सांसद अबेवर्धना को 1987 में उनकी सीट से हटा दिया गया था. उस समय युनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) सत्ता में थी.