काठमांडू : नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने शुक्रवार को कहा कि 2014 से दक्षेस समूह की अध्यक्षता कर रहा नेपाल यह पद पाकिस्तान को सौंपने के लिये 'तैयार और इच्छुक' है.
ग्यावली ने साथ ही उम्मीद जतायी कि भारत और पाकिस्तान क्षेत्रीय चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए बातचीत के जरिये अपने मतभेद सुलझा सकते हैं.
विदेश मंत्री ने भारत को यह भरोसा भी दिलाया कि नेपाल अपनी धरती का इस्तेमाल किसी पड़ोसी के खिलाफ नहीं होने देगा और नेपाल किसी भी राजनीतिक और कूटनीतिक गतिरोध में हिस्सा नहीं बनेगा.
ग्यावली ने यहां नेपाली विदेश मंत्रालय में 'सागरमाथा संवाद' के बारे में भारतीय पत्रकारों के एक समूह से चर्चा के दौरान कहा कि 'नेपाल दक्षेस की अध्यक्षता पाकिस्तान को सौंपने को तैयार और उत्सुक है.'
उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान अपने मतभेद क्षेत्र में उत्पन्न चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए बातचीत के जरिए सुलझा सकते हैं.
गत तीन वर्षों के दौरान भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकवाद के नेटवर्क से क्षेत्र को उत्पन्न सुरक्षा चुनौतियों का हवाला देते हुए स्वयं को दक्षेस से दूर रखा है. पाकिस्तान भी इस समूह का एक सदस्य है.
ग्यावली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान सहित दक्षेस देशों के सभी नेताओं को आमंत्रित किया गया है और नेपाल को क्षेत्र के सभी नेताओं का स्वागत करने में प्रसन्नता होगी ताकि वे क्षेत्र के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों पर चर्चा कर सकें.
उन्होंने कहा, 'सभी दक्षेस नेताओं का सागरमाथा में उपस्थित रहना एक शानदार विचार होगा.'
उन्होंने कहा कि संवाद का नाम विश्व की सबसे ऊंची चोटी सागरमाथा (माउंट एवरेस्ट) के नाम पर रखा गया है जो कि मित्रता का एक प्रतीक भी है.
2014 में पिछला दक्षेस सम्मेलन काठमांडू में आयोजित हुआ था जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए थे.