टोक्यो :जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने खराब स्वास्थ्य के कारण सरकार से अलग होने का फैसला किया है. शिंजो आबे ने औपचारिक रूप से इसका एलान किया है.
इससे पूर्व जापानी प्रधान मंत्री शिंजो आबे ने शुक्रवार को जापान के कोविड-19 टास्क फोर्स के साथ बैठक की . जिसमें बताया गया कि वह स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देना चाहते हैं. बैठक के दौरान आबे ने कहा कि वह अगले साल के पहली छह महीनों तक सभी नागरिकों के लिए टीकों को सुरक्षित रखेंगे.
आबे का राजनीतिक सफर
आबे से पहले जापान की ऐसी छवि बनी हुई थी कि यहां के प्रधानमंत्री का कार्यकाल बेहद कम होता है. आबे के पद छोड़ने से स्थिरता के इस काल की समाप्ति होगी. जापान ने आबे के शासनकाल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मजबूत संबंध देखे, लेकिन आबे के अति राष्ट्रवाद की नीति ने कोरिया और चीन को नाराज करने का काम किया.
आबे ने जापान को मंदी से बाहर निकाला, लेकिन देश की अर्थव्यवस्था के सामने कोरोना वायरस महामारी के बीच नया संकट पैदा हुआ है. हालांकि आबे अमेरिका द्वारा तैयार किए गए युद्ध विरोध संविधान को औपचारिक तौर पर दोबारा लिखे जाने के लक्ष्य को अपने कार्यकाल में पूरा नहीं कर सके क्योंकि जनता ने उनकी इस अभिलाषा को एक तरह से नकार दिया.
आबे को पूर्व प्रधानमंत्री और अपने दादा नोबूसुके किशी के राजनीतिक विचारों के पदचिह्नों पर चलने के लिए तैयार किया गया था. किशी का ध्यान जापान को एक ऐसा सामान्य और सुंदर देश बनाना था जिसके पास बड़ी सैन्य शक्ति हो और जो अंतरराष्ट्रीय मामलों में अहम भूमिका निभाता है.