धर्मशाला: चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र की यात्रा के एक दिन बाद, लोकतांत्रिक रूप से चुने गए केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) ने शुक्रवार को उनसे तिब्बती प्रतिनिधियों और चीनी सरकार के बीच बातचीत फिर से शुरू करने को कहा. 21-22 जुलाई को तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) की शी की यात्रा 2013 में चीनी राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद उनकी पहली यात्रा है.
अतिरिक्त सचिव और सीटीए के प्रवक्ता तेनजिन लेक्षय ने कहा, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बड़े धूमधाम तरीके से ल्हासा और निंगत्री का दौरा किया है. मुझे लगता है कि राष्ट्रपति के रूप में यह उनकी पहली तिब्बत यात्रा है.
उन्होंने कहा, इस यात्रा के साथ, उन्हें तिब्बत की वास्तविक आकांक्षाओं को समझना चाहिए और विचार करना चाहिए कि तिब्बत मुद्दा एक लंबे समय से लंबित मुद्दा है, जो अभी भी अनसुलझा है. उन्हें तिब्बती प्रतिनिधियों और चीनी सरकार के बीच बातचीत को फिर से शुरू करना चाहिए.
60 से अधिक वर्षों पहले, लगभग 80 हजार तिब्बती, अपने आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के साथ, तिब्बत पर कम्युनिस्ट शासन के खिलाफ एक असफल विद्रोह के बाद ल्हासा छोड़ कर भारत आ गए थे. तिब्बती निर्वासन प्रशासन, जिसे सीटीए कहा जाता है, इस उत्तरी भारतीय पहाड़ी शहर में स्थित है, जहां आध्यात्मिक नेता भी रहते हैं.
तिब्बत मुद्दे को सुलझाने के लिए चीन और दलाई लामा के दूतों ने 2002 से नौ दौर की बातचीत की है. जनवरी 2010 में बीजिंग में आयोजित अंतिम दौर की वार्ता (नौवीं) में सीटीए ने तिब्बती लोगों के लिए वास्तविक स्वायत्तता पर अपने रुख को स्पष्ट करने के लिए चीनी नेतृत्व को एक व्याख्यात्मक नोट प्रस्तुत किया था.