नई दिल्ली : तालिबान का उपनेता सिराजुद्दीन हक्कानी अब अफगानिस्तान का गृहमंत्री है. वह हक्कानी नेटवर्क (एचक्यूएन) चलाता है, जो एक वैश्विक नामित आतंकवादी संगठन है. उसके सिर पर अभी भी 1 करोड़ डॉलर का इनाम है. पाकिस्तान की कुख्यात जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख फैज हमीद के हस्तक्षेप के लिए तालिबान कैबिनेट ने धन्यवाद ज्ञापित किया है.
नवगठित तालिबान सरकार में कम से कम छह मंत्री हैं जो अफगानिस्तान में सबसे खतरनाक संयुक्त राष्ट्र नामित आतंकवादी संगठन से सीधे जुड़े हुए हैं. देश के आंतरिक मंत्री के रूप में, एचक्यूएन प्रमुख सिराजुद्दीन हक्कानी अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी चलाएगा.
वह 34 प्रांतों के सभी राज्यपालों और पुलिस प्रमुखों की नियुक्ति करेगा. उसके चाचा, खलील-उर-हक्कानी, एक क्रूर आतंकवादी है, जो काबुल का सुरक्षा प्रमुख और शरणार्थी मंत्री है. दो अन्य रिश्तेदार, अब्दुल बाकी हक्कानी और नजीबुल्लाह हक्कानी क्रमश: उच्च शिक्षा मंत्री और संचार मंत्री हैं. सिराजुद्दीन के करीबी विश्वासपात्र और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी अब्दुल हक वसीक को देश के खुफिया प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है. एक और भरोसेमंद लेफ्टिनेंट और आत्मघाती बम विस्फोट के विशेषज्ञ मुल्ला ताज मीर जवाद को गृहमंत्री का पहला डिप्टी नियुक्त किया गया है. वसीक और जवाद दोनों आईएसआई के 'पसंदीदा' हैं और माना जाता है कि वे आईएसआई के इशारे पर अफगानिस्तान में भारतीय मिशनों पर हमलों में शामिल थे.
मौलवी अब्दुल सलाम हनफी, जो उज्बेक समुदाय से है, उसे प्रधानमंत्री मुल्ला मुहम्मद हसन अखुंद का नया दूसरा डिप्टी बनाया गया है. वह पाकिस्तान के हक्कानिया मदरसा से स्नातक है. इस मदरसे को जिहाद यूनिवर्सिटी के रूप में जाना जाता है. दारुल उलूम हक्कानिया मदरसा, जो पाकिस्तान में अकोरा खट्टक में स्थित है, हक्कानी नेटवर्क का नाम उसी मदरसे के नाम पर रखा गया है. यहीं इसके नेताओं ने पढ़ाया था और बाद के नेताओं ने अध्ययन किया था. हक्कानिया मदरसा सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली कट्टरपंथी सुन्नी नेटवर्क है और यह एक 'आतंकवादी कारखाने' के रूप में काम करता है, जहां छात्रों को युद्ध प्रशिक्षण, बम बनाने और गुरिल्ला युद्ध करना सिखाया जाता है.
हक्कानी नेटवर्क एक विशाल और लंबे समय तक चलने वाला आपराधिक नेटवर्क है. इन नेताओं ने बयात की कसम खाई, तालिबान के प्रति निष्ठा की प्रतिज्ञा की और तालिबान के तहत लड़े और वास्तव में देश पर कब्जा करने में तालिबान की रणनीति को परवान चढ़ाया. एफबीआई के रिवार्डस फॉर जस्टिस प्रोग्राम के अनुसार, युनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट सिराजुद्दीन हक्कानी की गिरफ्तारी के लिए सीधे सूचना देने के वाले को 1 करोड़ डॉलर तक का इनाम दे रहा है.