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इमरान खान की अध्यक्षता में अफगानिस्तान की स्थिति पर होगी बैठक

काबुल में तालिबान द्वारा सत्ता पर कब्जा करने और राष्ट्रपति अशरफ गनी के युद्धग्रस्त देश छोड़ने के एक दिन बाद अफगानिस्तान में उभरती स्थिति पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में पाकिस्तान की सुरक्षा समिति की बैठक होगी.

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Published : Aug 16, 2021, 5:12 PM IST

इस्लामाबाद :पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में विचार-विमर्श के बाद पाकिस्तान मौजूदा स्थिति पर अपना रुख पेश करेगा.

बैठक में सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और विदेश मंत्री कुरैशी सहित वरिष्ठ राजनीतिक और सैन्य नेता शामिल होंगे. एक अन्‍य महत्‍वपूर्ण बैठक विदेश कार्यालय में अफगान शिष्‍टमंडल के साथ होगी.

कुरैशी प्रधानमंत्री खान के साथ अलग से भी एक बैठक करेंगे और क्षेत्रीय स्थिति पर चर्चा करेंगे. प्रधानमंत्री खान ने कुरैशी से अगले हफ्ते अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों से संपर्क स्थापित करने को कहा है. इस बीच एक संबंधित घटनाक्रम में प्रधानमंत्री खान ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान के साथ टेलीफोन पर बातचीत की. प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान काबुल में अंतरराष्ट्रीय संगठनों के राजनयिकों, कर्मचारियों और अन्य को निकालने में मदद प्रदान कर रहा है.

टेलीफोन पर बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान में तेजी से बदलती स्थिति की समीक्षा की. विदेश कार्यालय ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है.

विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने एक बयान में कहा कि यह जरूरी है कि अफगान नेता उभरती स्थिति से निपटने के लिए मिलकर काम करें और अफगानिस्तान में स्थायी शांति और स्थिरता के लिए आगे का रास्ता तैयार करें.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस लक्ष्य को आगे बढ़ाने में अपनी रचनात्मक भूमिका निभाता रहेगा. उन्होंने कहा कि हमारे विचार में अफगानिस्तान में शांति का स्थायी माहौल और स्थिरता हासिल करना और चार दशक लंबे संघर्ष को समाप्त करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय की साझा जिम्मेदारी है.

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तालिबान ने रविवार को देश की केंद्र सरकार के कब्जे वाले काबुल के बाहरी क्षेत्र में स्थित आखिरी बड़े शहर पर भी कब्जा कर लिया था. अफगानिस्तान में लगभग दो दशकों में सुरक्षा बलों को तैयार करने के लिए अमेरिका और नाटो द्वारा अरबों डॉलर खर्च किए जाने के बावजूद तालिबान ने आश्चर्यजनक रूप से काफी कम समय में लगभग पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया.

(पीटीआई-भाषा)

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