काठमांडू : नेपाल के अन्नपूर्णा क्षेत्र में हुए हिस्खलन में चार दक्षिण कोरियाई नागरिकों सहित कम से कम सात लोग लापता हो गए हैं और इन प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लगभग 200 लोगों सुरक्षित निकाल लिया गया है.
खोज अभियान के लिये दक्षिणी कोरिया एक आपातकालीन सहायता समूह को नेपाल भेजेगा.
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि शुक्रवार को हुई बर्फबारी के कारण हिमालय श्रेणी की सबसे ऊंची चोटियों में से एक अन्नपूर्णा के आधार शिविर के पास यह हादसा हुआ. आधार शिविर करीब 3,230 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
लापता हुए लोगों में से छह पर्वतारोहण समूह का हिस्सा थे जबकि एक नेपाली व्यक्ति किसी और समूह का हिस्सा था.
नेपाल के पर्यटन विभाग की मीरा आचार्य ने बताया, ‘‘हादसे के चार दक्षिण कोरियाई और तीन नेपाली नागरिकों से संपर्क टूट गया है। उनके बचाव के लिए तलाश जारी है.
मौसम में थोड़ा सुधार होने के बाद हेलिकॉप्टरों के माध्यम से हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के पर्वतारोहण मार्गों में फंसे लगभग 200 लोगों को बचा लिया गया है.
पर्वतारोहण आयोजन में सहायक जंगबोगो टूर नेपाल के संदेश पांडेय ने बताया लापता हुए चारो कोरियाई नागरिक दक्षिण कोरिया से आए 11 लोगों के समूह का हिस्सा थे.
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पांडेय ने कहा, बर्फबारी के बाद वे सभी नीचे आ रहे थे. समूह के शेष पाँच सुरक्षित रूप से नीचे आ रहे हैं. अन्य दो ट्रेक पर नहीं गए थे.
अन्नपूर्णा में हिमस्खलन होना आम बात है और तकनीकी तौर पर इस चोटी पर चढ़ाई करना सबसे मुश्किल है. यहां तक कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट के मुकाबले इसपर चढ़ाई करने वालों के मरने की संख्या बहुत ज्यादा है.
दक्षिण कोरिया के शिक्षा विभाग ने बताया कि हादसे में लापता हुए चारों नागरिक वॉलेंटियर शिक्षक थे और नेपाल में बच्चों को पढ़ा रहे थे.
दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि लापता हुए लोगों के परिजन को सूचित कर दिया गया है। जल्दी ही एक आपात टीम को नेपाल भेजा जाएगा.
नेपाल में वर्ष 2014 में इस लोकप्रिय पर्वतारोहण स्थल पर बर्फीले तूफान में 40 लोगों की मौत हो गई थी। यह नेपाल की सबसे बड़ी ट्रेकिंग त्रासदियों में से एक था.