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कोरोना वायरस से निपटने के लिए चीन ने मात्र 10 दिन में बनाया अस्पताल

चीन में फैले जानलेवा कोरोना वायरस से निबटने के लिए मात्र 10 दिन में बनाए गए विशिष्ट अस्पताल में सोमवार को मरीजों की भर्ती शुरू हो गई. वुहान में उपचार केन्द्र का युद्धस्तर पर निर्माण ऐसा दूसरा मामला है जब देश में किसी बीमारी के लिए दिन रात एक करके विशिष्ट अस्पताल बनाया गया है. इससे पहले 2003 में सार्स फैला था और इससे निपटने के लिए मरीजों के लिए एक सप्ताह में उपचार केन्द्र बनाया गया था.

अस्पताल
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Published : Feb 3, 2020, 11:58 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 2:16 AM IST

बीजिंग : चीन में कोरोना वायरस के केंद्र वुहान में रिकार्ड दस दिन में बनकर तैयार 1000 बिस्तरों वाला अस्पताल सोमवार को चालू हो गया और इस जानलेवा विषाणु का उपचार करने के लिए एक दवा का क्लीनिक परीक्षण भी शुरू कर दिया गया. चीन में कोरोना वायरस के चलते 361 लोगों की जान जा चुकी है और 17,238 लोग उसकी चपेट में आ गए हैं.

चीन के वुहान शहर से ही इस वायरस की शुरुआत हुई है और यहां के लोगों के उपचार के लिए ह्यूओशेनशान अस्पताल बनाया गया है. 1000 बिस्तरों वाले इस अस्पताल के निर्माण के लिए निर्माण दल दिन रात काम में लगा हुआ है. शहर की आबादी एक करोड़ 10 लाख है और संक्रमण के खतरे के मद्देनजर लोगों के कहीं भी आने जाने पर रोक है.

दस दिन में बनाया गया अस्पताल. सौ. APTN

वुहान में उपचार केन्द्र का युद्धस्तर पर निर्माण ऐसा दूसरा मामला है जब देश में किसी बिमारी के लिए दिन रात एक करके विशिष्ट अस्पताल बनाया गया है. इससे पहले 2003 में सार्स फैला था और इससे निपटने के लिए मरीजों के लिए एक सप्ताह में उपचार केन्द्र बनाया गया था.

सरकारी मीडिया के अनुसार सोमवार सुबह 10 बजे अस्पताल में मरीजों का पहला जत्था पहुंचा. हालांकि मरीजों की स्थिति और उनकी पहचान के बार में कोई जानकारी नहीं दी गई है.

जानकारी के अनुसार सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सैन्य शाखा 'पीपुल्स लिबरेशन आर्मी' ने वुहान अस्पताल के लिए 1400 चिकित्सक, नर्स तथा अन्य कर्मी भेजे हैं.

सरकार ने कहा कि इनमें से कुछ को सार्स तथा अन्य प्रकोप से निपटने का अनुभव है. शिन्हुआ के मुताबिक ह्यूओशेनशान अस्पताल का निर्माण सात हजार बढ़ई, प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन और अन्य विशेषज्ञों के दल ने किया है. एपी शोभना प्रशांत प्रशांत 0302 1135 बीजिंग

मशहूर चीनी स्वास्थ्य विशेषज्ञ झोंग नानशान ने कहा कि नये सबूतों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि तेजी से चीन और दुनिया में फैल रहा कोरोना वायरस अगले 10 से 14 दिनों में अपने शिखर पर पहुंच सकता है जबकि पहले कहा गया था कि उससे पहले ही वह चरम पर पहुंच जाएगा.

विशेषज्ञ ने कहा कि इसका मतलब है कि अगले दो सप्ताह में इस विषाणु के मामले बहुत तेजी से बढेंगे और फिर उसकी रफ्तार घट जाएगी.

चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को घोषणा की कि चीन में रविवार को 57 लोगों की जान चले जाने के साथ ही कोरोना वायरस से अब तक 361 लोगों की मौत हो चुकी है और उसके सत्यापित मामले 17,238 तक पहुंच गये हैं. रविवार को इस बीमारी के चलते जिन 57 लोगों की मौत हुई,उनमें 56 मरीज कोरोना वायरस के केंद्र हुबेई प्रांत के थे और एक दक्षिण पश्चिम चोंगकिंग प्रांत से था.

अन्य देशों में फिलीपिंस में एक व्यक्ति की इस बीमारी से मौत हुई है. दुनियाभर में इस रोग के 148 मामले सामने आ चुके हैं. भारत में कोरोना वायरस के तीन मामले सामने आये हैं और तीनों ही मरीज केरल के हैं जो वुहान से लौटे हैं.

चीन में विशेषकर कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए रिकार्ड नौ दिन में तैयार किया गया 1000 बिस्तरों का अस्थायी अस्पताल सोमवार को शुरू हो गया.

बुधवार से उसके बगल में ही 1300 बिस्तरों वाला एक अन्य अस्थायी अस्पताल काम करना शुरू कर देगा. साथ मिलकर वे कोरोना वायरस के उपचार के लिए 2300 बिस्तरों वाले अस्पताल बन जायेंगे.

सरकारी मीडिया के अनुसार नये अस्पताल से शहर में अस्पतालों में सामने आ रही बिस्तरों की कमी की समस्या हल होगी.

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के चिकित्सा कर्मी नये हुओशेनशान अस्पताल की कमान अपने हाथों में ले लेंगे.

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सरकारी मीडिया में बिल्कुल ही जल्दबाजी में किये जा रहे अस्पतालों के निर्माण को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की ऐसी महामारी से निपटने की क्षमता की एक बड़ी ताकत के रूप में प्रकाशित किया गया है.

चीन ने कोरोना वायरस के मरीजों का उपचार करने के लिए एक दवा का क्लीनिकल परीक्षण भी शुरू कर दिया है . बताया जाता है कि फिलहाल इस बीमारी का उपचार नहीं है. फिलहाल मरीजों को एंटीवायरल दिया जा रहा है और अन्य उपायों की मदद ली जा रही है. वैज्ञानिक टीके की खोज की जद्दोजेहद में लगे हैं.

कुछ खबरों के अनुसार एचआईवी के इलाज में काम आने वाली दवाओं को भी इस वायरस के मरीजों के उपचार पर परखा जा रहा है.

साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट ने खबर दी कि क्षेत्रीय परीक्षण में परखी जाने वाली एंटीवायरल दवा रेमडेजिविर को अमेरिका की दवा कंपनी गिलिएड साइंसेंज ने तैयार किया है और वह इबोला एवं सार्स जैसी बीमारियों के उपचार के लिए है.

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चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन ने सोमवार को कहा कि वुहान के विभिन्न अस्पतालों में दवा को परखा जा रहा है.

चाइनीज एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के विद्वान झोंग नानशान ने कहा कि वर्तमान शोध से पता चला हे कि यह विषाणु चमगादड़ से आता है लेकिन उसके मानव तक पहुंचने में कोई और जीव हैं या नहीं, यह जांच का विषय है.

उन्होंने सरकारी संवाद समिति ने कहा कि वैसे तो अब तक कोई प्रभावी उपचार नहीं है लेकिन इस विषाणु की आनुवांशिक सामग्री को निशाना बनाने वाली कम से कम सात दवाएं क्लीनिकल परीक्षण के विभिन्न दौर से गुजर रही हैं.

इस बीच चीन ने सोमवार को अमेरिका पर कोरोना वायरस को लेकर ‘दहशत’ फैलाने और चीनी यात्रियों पर रोक लगाने का आरोप लगाया.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि उसने इस विषाणु के बारे में गलत सूचनाएं फैलने से रोकने के लिए गूगल के साथ हाथ मिलाया है.

Last Updated : Feb 29, 2020, 2:16 AM IST

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