वाशिंगटन : कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन (बंद) जैसे कदम उठाए जाने के बाद अमेरिका में फंसे भारतीय छात्रों की मदद के लिए भारतीय-अमेरिकी होटल मालिक आगे आए हैं और उन्होंने छात्रों को नि:शुल्क ठहराने और कुछ मामलों में भोजन की पेशकश की है.
अपने हॉस्टल खाली करने के लिए कहने और भारत द्वारा कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण 22 मार्च से एक हफ्ते के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगाने के कारण कई छात्रों के सिर पर छत भी नहीं रही है. भारतीय दूतावास की अपील के बाद बुधवार तक उन्हें करीब 700 होटलों में 6,000 से अधिक कमरों में रहने की पेशकश की गई.
भारतीय दूतावास अमेरिका में भारतीय छात्रों के लिए पिछले हफ्ते से ही चौबीसों घंटे हेल्पलाइन चला रहा है. देश में 2,50,000 से अधिक भारतीय छात्र फंसे हुए हैं.
ज्यादातर जिन होटलों की पेशकश की गई है वे विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के आसपास हैं लेकिन समुदाय के नेताओं की अपील के बाद देशभर में बड़ी संख्या में होटल मालिक आगे आए हैं.
अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने ट्वीट किया, 'यह देखकर खुशी हो रही है कि भारतीय, भारतीय अमेरिकी और अन्य होटल मालिक संकट के इस समय में लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. एक साथ मिलकर हम कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई जीत सकते हैं.'
शिकागो स्थित समुदाय के नेता नीरव पटेल ने पीटीआई-भाषा से कहा, 'भारतीय समुदाय छात्रों की मदद के लिए एक साथ आया है और कई होटल मालिकों ने उन्हें नि:शुल्क कमरे देने की पेशकश की है. उनमें से कई इन छात्रों को मुफ्त में भोजन भी दे रहे हैं.'
होटल चलाने वाले भारतीय-अमेरिकी दंपत्ति के. के. मेहता और चंद्रा मेहता ने न्यूयॉर्क शहर में टाइम्स स्क्वायर और बार्कलेज सेंटर के समीप स्थित अपने दो प्रमुख होटलों में भारतीय छात्रों को 100 से अधिक कमरों की पेशकश की है.