वॉशिंगटन: कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन की वजह से इस साल कार्बन डाइऑक्साइड के वैश्विक उत्सर्जन में सात फीसदी तक की कमी आई है जो अबतक सबसे ज्यादा है.
जर्नल 'अर्थ सिस्टम साइंस डेटा' में गुरुवार को प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, उत्सर्जन पर नजर रखने वाले एक दर्जन वैज्ञानिकों के आधिकारिक समूह ' ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट ' ने गणना की है कि 2020 में विश्व में 34 अरब मैट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड का हवा में उत्सर्जन होगा. 2019 की तुलना में यह कम है जब 36.4 अरब मैट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड का हवा उत्सर्जन हुआ था.
लोग घरों में रहे, यात्राएं कम कीं
वैज्ञानिकों ने कहा कि इसके कम होने की मुख्य तौर पर वजह यह रही कि लोग घरों में रहे, कार और विमान से कम यात्राएं की. उन्होंने आशंका व्यक्त की कि महामारी के खत्म होने के बाद कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन बढ़ेगा. भूमि परिवहन से कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन का लगभग पांचवां हिस्सा बनाता है.
' ईस्ट एंजलिया ' विश्वविद्यालय में जलवायु वैज्ञानिक कोरिन लेक्वेरे ने बताया कि जलवायु परिवर्तन से निपटने का रास्ता लॉकडाउन कतई नहीं है. कुछ महीने पहले इसी समूह के वैज्ञानिकों ने पूर्वानुमान जताया था कि उत्सर्जन में चार से सात फीसदी की कमी आ सकती है और यह कोविड-19 महामारी पर निर्भर करता है.