दिल्ली

delhi

ETV Bharat / international

लोकतंत्र की रक्षा करना हमारे समय की चुनौती : बाइडेन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Biden ) ने विश्व के नेताओं को डिजिटल तरीके से संबोधित किया. लोकतंत्र पर आयोजित शिखर सम्मेलन में भारत सहित 80 से अधिक देशों के नेताओं ने हिस्सा ले रहे हैं.

us-president-biden
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन

By

Published : Dec 10, 2021, 2:33 AM IST

वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को कहा कि लोकतांत्रिक मानदंडों और मूल्यों की रक्षा करना वर्तमान समय की चुनौती है. बाइडेन ने विश्व के नेताओं को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए लोकतांत्रिक नवीनीकरण के लिए एक महत्वाकांक्षी पहल की घोषणा की, जिसके तहत उनका प्रशासन वैश्विक लोकतांत्रिक नवीनीकरण रणनीति के वास्ते 42.44 करोड़ अमेरिकी डालर मुहैया कराने पर विचार कर रहा है.

बाइडेन की पहल के तहत व्हाइट हाउस द्वारा लोकतंत्र पर आयोजित शिखर सम्मेलन में भारत सहित 80 से अधिक देशों के नेताओं ने हिस्सा ले रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को इस डिजिटल शिखर सम्मेलन को करेंगे.

बाइडेन ने लोकतंत्र पर पहले शिखर सम्मेलन की शुरुआत करते हुए कहा, 'सार्वभौमिक मानवाधिकारों और दुनिया भर में निरंतर एवं खतरनाक चुनौतियों के मद्देनजर लोकतंत्र के समर्थन की जरूरत है. मैं इस शिखर सम्मेलन की इसलिए मेजबानी करना चाहता था क्योंकि यहां अमेरिका में, हम सभी जानते हैं कि हमारे लोकतंत्र को नवीनीकृत करना और हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने के वास्ते निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता है.'

लोकतंत्र के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों पर विचार साझा करते हुए बाइडेन ने कहा कि तानाशाहों के बाहरी दबाव के बावजूद वे अपनी शक्ति बढ़ाने, निर्यात करने और दुनिया भर में अपने प्रभाव का विस्तार करने की कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा कि निरंकुश दमनकारी नीतियों और प्रथाओं को आज की चुनौतियों से निपटने के अधिक कुशल तरीके के तौर पर पेश करने का प्रयास करते हैं.

बाइडेन ने साथ ही विश्व के नेताओं का इसके लिए आह्वान किया कि वे आपस में सहयोग करें और यह दिखायें कि लोकतंत्र क्या दे सकता है. बाइडेन ने साथ ही कहा कि यह साथी नेताओं के लिए लोकतंत्र को मजबूत करने के प्रयासों को दोगुना करने के लिए एक महत्वपूर्ण समय है. उन्होंने उल्लेख किया कि उन्हें खुद उनके प्रयासों में तब सफलता मिली जब देश में मतदान अधिकार विधेयक पारित हुआ. उन्होंने अमेरिका में लोकतांत्रिक संस्थाओं और परंपराओं के लिए अपनी चुनौतियों का उल्लेख किया.

बाइडेन ने दो दिवसीय डिजिटल शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा, 'यह एक जरूरी मामला है. हम जो आंकड़े देख रहे हैं वह काफी हद तक गलत दिशा की ओर इशारा कर रहे हैं.'

इस शिखर सम्मेलन में ऐसे विषयों पर चर्चा हो रही है जिसका उल्लेख बाइडेन ने राष्ट्रपति के तौर पर अपने पहले वर्ष की प्राथमिकता के तौर पर पूर्व में किया है. उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि अमेरिका और समान विचारधारा वाले सहयोगियों को दुनिया को यह दिखाने की जरूरत है कि लोकतंत्र, समाज के लिए, निरंकुश शासन व्यवस्था से कहीं बेहतर है.

व्हाइट हाउस का कहना है कि दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में 110 देशों के नेताओं और नागरिक समूहों के विशषज्ञों को भ्रष्टाचार को रोकने और मानवाधिकारों को सम्मान देने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर साथ मिल कर काम करने और विचार साझा करने का अवसर मिलेगा. सम्मेलन के पहले ही इस कार्यक्रम को उन देशों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है,जिन्हें इसमें आमंत्रित नहीं किया गया है.

चीन-रूस ने की आलोचना
अमेरिका के लिए चीन और रूस के राजदूतों ने 'नेशनल इंटरेस्ट पॉलिसी जर्नल' में एक संयुक्त लेख लिखा जिसमें उन्होंने बाइडेन प्रशासन को 'शीत-युद्ध की मानसिकता' प्रदर्शित करने वाला बताया, जो 'दुनिया में वैचारिक मतभेद और दरार बढ़ाएगा.'

अमेरिका को इन आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा कि उसने कैसे निर्णय लिया कि सम्मेलन के लिए किसे आमंत्रित करना है और किसे नहीं. वहीं बाइडेन प्रशासन का कहना है कि वर्चुअल माध्यम से आयोजित यह सम्मेलन एक अहम बैठक है, खासतौर पर ऐसे वक्त में जब दुनियाभर में आजादी में कटौती का चलन सा चल रहा है.

पढ़ें- प्रौद्योगिकी कंपनियों को लोकतांत्रिक समाज के संरक्षण में योगदान देना चाहिए : मोदी

(पीटीआई-भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details