वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को कहा कि लोकतांत्रिक मानदंडों और मूल्यों की रक्षा करना वर्तमान समय की चुनौती है. बाइडेन ने विश्व के नेताओं को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए लोकतांत्रिक नवीनीकरण के लिए एक महत्वाकांक्षी पहल की घोषणा की, जिसके तहत उनका प्रशासन वैश्विक लोकतांत्रिक नवीनीकरण रणनीति के वास्ते 42.44 करोड़ अमेरिकी डालर मुहैया कराने पर विचार कर रहा है.
बाइडेन की पहल के तहत व्हाइट हाउस द्वारा लोकतंत्र पर आयोजित शिखर सम्मेलन में भारत सहित 80 से अधिक देशों के नेताओं ने हिस्सा ले रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को इस डिजिटल शिखर सम्मेलन को करेंगे.
बाइडेन ने लोकतंत्र पर पहले शिखर सम्मेलन की शुरुआत करते हुए कहा, 'सार्वभौमिक मानवाधिकारों और दुनिया भर में निरंतर एवं खतरनाक चुनौतियों के मद्देनजर लोकतंत्र के समर्थन की जरूरत है. मैं इस शिखर सम्मेलन की इसलिए मेजबानी करना चाहता था क्योंकि यहां अमेरिका में, हम सभी जानते हैं कि हमारे लोकतंत्र को नवीनीकृत करना और हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने के वास्ते निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता है.'
लोकतंत्र के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों पर विचार साझा करते हुए बाइडेन ने कहा कि तानाशाहों के बाहरी दबाव के बावजूद वे अपनी शक्ति बढ़ाने, निर्यात करने और दुनिया भर में अपने प्रभाव का विस्तार करने की कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा कि निरंकुश दमनकारी नीतियों और प्रथाओं को आज की चुनौतियों से निपटने के अधिक कुशल तरीके के तौर पर पेश करने का प्रयास करते हैं.
बाइडेन ने साथ ही विश्व के नेताओं का इसके लिए आह्वान किया कि वे आपस में सहयोग करें और यह दिखायें कि लोकतंत्र क्या दे सकता है. बाइडेन ने साथ ही कहा कि यह साथी नेताओं के लिए लोकतंत्र को मजबूत करने के प्रयासों को दोगुना करने के लिए एक महत्वपूर्ण समय है. उन्होंने उल्लेख किया कि उन्हें खुद उनके प्रयासों में तब सफलता मिली जब देश में मतदान अधिकार विधेयक पारित हुआ. उन्होंने अमेरिका में लोकतांत्रिक संस्थाओं और परंपराओं के लिए अपनी चुनौतियों का उल्लेख किया.
बाइडेन ने दो दिवसीय डिजिटल शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा, 'यह एक जरूरी मामला है. हम जो आंकड़े देख रहे हैं वह काफी हद तक गलत दिशा की ओर इशारा कर रहे हैं.'