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सूरत की बेटी ने अंबानी परिवार के फंक्शन में लगाया चांद, मधुर आवाज से किया मंत्रमुग्ध - अंबानी फैमिली

सूरत की वैशाली गोहिल न केवल गुजरात या भारत में बल्कि विदेशों में भी गुजराती विवाह गीतों पर प्रस्तुति देकर लोगों का दिल जीत लिया है. इन्होंने एंटीलिया में अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की सगाई समारोह में परर्फोन्स किया था.

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Published : Jul 25, 2023, 8:19 PM IST

सूरत: सूरत की वैशाली गोहिल ने कोरस गायिका के रूप में संगीत के क्षेत्र में अपना सफर शुरू किया था. सूरत की वैशाली गोहिल 8 साल की उम्र से ही संगीत सीख रही हैं. वैशाली ने एंटीलिया में अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की सगाई समारोह में परर्फोन्स किया था. इनके परफॉर्मेंस को देख अंबानी परिवार भी खुश हो गया था.

वैशालीबेन गोहिल ने बताया, 'नीता अंबानी ने सोशल मीडिया पर अपना विवाह गीत सुना और राधिका मर्चेंट और अनंत अंबानी की सगाई में अपना विवाह गीत गाने के लिए आमंत्रित किया. और जब वैशालीबेन और उनकी टीम ने एंटीलिया में विवाह गीत प्रस्तुत किया, तो अंबानी परिवार सहित मेहमान मंत्रमुग्ध हो गए.'

वैशाली ने वाणिज्य की पढ़ाई की और संगीत भी सीखती रही. लगभग 38 वर्ष की उम्र में जब उनकी बेटियां बड़ी हो गईं और वे जिम्मेदारी से थोड़ी मुक्त हुई, तो वैशालीबेन ने अपना ध्यान संगीत की ओर फिर लगाया.

सोशल मीडिया से मिली मदद: जिस तरह परिवार किसी भी प्रयास की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, उसी तरह वैशालीबेन के परिवार, उनके पति हरिन गोहिल ने भी संगीत के प्रति उनके जुनून को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने अपने पति के दोस्त अशोक जसानी के साथ मिलकर साल 2014 में शादी के गानों को लोगों तक पहुंचाने के लिए वी आर वन इवेंट कंपनी की स्थापना की. वैशाली बेन ने छोटे और बड़े कार्यक्रमों में गाना शुरू किया, लेकिन सोशल मीडिया ने उन्हें अधिक लोगों तक पहुंचने में मदद की, उन्होंने अपनी टीम के साथ अभ्यास करते हुए खुद के वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करना शुरू कर दिया.

कुछ समय पहले सूरत में एक बड़े उद्योगपति के घर शादी समारोह के दौरान उन्होंने 108 लोगों की टीम के साथ शादी के गाने गाए और सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. आज के समय में किसी भी मौके पर संगीत का बहुत महत्व है. लेकिन इन सबके बीच गुजराती विरासत और विवाह गीतों की परंपरा को भुलाया जा रहा है. तब वैशालीबेन ने अपनी सुरीली आवाज से नई पीढ़ी को एक बार फिर सांस्कृतिक विरासत की ओर मोड़ने का सराहनीय कार्य शुरू किया है. उन्होंने यह भी विश्वास जताया कि नई पीढ़ी इसे जरूर स्वीकार करेगी.

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