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ग्रेटर नोएडा: टावर को सील करने से लोगों की नौकरी पर आई आफत

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Published : Jun 15, 2020, 12:29 PM IST

महागुन सोसायटी के लोगों का कहना है कि एक टावर के फ्लैट में एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया था. टावर में रह रहे लोगों ने कहा कि एक टावर के एक फ्लैट में एक कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से आखिर पूरे टावर को सीज क्यों कर दिया है. जो लोग बाहर कंपनियों में नौकरी करते थे, अब उनकी नौकरी खतरे में आ चुकी है. क्योंकि लोग अब घर बैठकर काम नहीं कर सकेंगे.

People protested to increase the seal time of Mahagun Societys tower in Greater Noida
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नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: जिला प्रशासन कोविड 19 के नियमों का अनुपालन नहीं करा रहा है. ग्रेनो वेस्ट के महागुन सोसायटी के एक टावर के निवासियों ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया है. 14 दिन क्वारेंटाइन पीरियड पूरा हो गया है, फिर भी 21 दिन के लिए सीज कर रहे टावर. इससे लोगों को नौकरी करना मुश्किल हो रहा है.

टावर सील से नोकरी करने वालों को हो रही दिक्कत



लगातार जिले में कोरोना संक्रमित का आंकड़ा बढ़ रहा है. लेकिन अगर हम बात करें हॉटस्पॉट जगहों की तो ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बनी महागुन सोसाइटी के कुछ लोगों ने सोमवार को नोएडा प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

'पूरे टावर को क्यों सीज किया'

लोगों का कहना है कि महागुन सोसायटी के एक टावर के फ्लैट में एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया था. टावर में रह रहे लोगों ने कहा कि एक टावर के एक फ्लैट में एक कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से आखिर पूरे टावर को सीज क्यों कर दिया है. जो लोग बाहर कंपनियों में नौकरी करते थे, अब उनकी नौकरी खतरे में आ चुकी है. क्योंकि लोग अब घर बैठकर काम नहीं कर सकेंगे.

कंपनी वाले कह रहे हैं कि नौकरी पर अगर नहीं आओगे तो निकाल देंगे. इसलिए लोगों में काफी गुस्सा देखने को मिला है. लोगों की मांग है कि सोसायटी के एक टावर को 21 दिन के लिए सील किया जा रहा है. जबकि 14 दिन के लिए ही सीज किया जाना चाहिए.


टावर सील से नोकरी करने वालों को हो रही दिक्कत

सोसाइटी के अंदर 3 जून को 60 साल का एक बुजुर्ग व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया था. उसके बाद से सोसाइटी का एक टावर पूरी तरह से सीज है. लेकिन वहां पर रह रहे लोगों का कहना है नोएडा प्रशासन की तरफ से अभी तक बुजुर्ग व्यक्ति के परिवार की भी कोविड-19 की जांच नहीं की गई. और ना ही उस टावर में रह रहे और लोगों की जांच की गई.

फिलहाल 60 साल का बुजुर्ग व्यक्ति स्वस्थ होने के बाद घर आ गया है. लेकिन फिर भी इन लोगों पर पाबंदियां पहले की तरह ही हैं. लोग नौकरी छोड़ने को मजबूर हैं.

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