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ग्रेटर नोएडा का स्मार्ट विलेज जहां कैंसर से हो रही लोगों की मौत, शिकायत के बाद भी किसी ने सुध नहीं ली

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Published : Aug 25, 2022, 4:37 PM IST

ग्रेटर नोएडा के मायचा गांव में दूषित पानी की वजह से लोगों की कैंसर से लगातार मौत हो रही है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में इसको लेकर शिकायत भी की, लेकिन किसी ने इसकी सुध नहीं ली. इतना ही नहीं गांव में बनी पानी टंकी को अभी तक चालू नहीं किया गया है. greater noida smart village

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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का स्मार्ट विलेज

नई दिल्ली/नोएडा : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कई गांवों को स्मार्ट विलेज घोषित कर उनमें विकास करने के लिए करोड़ों रुपए का बजट जारी किया है. इन स्मार्ट गांवों में लोगों को विकास के साथ सुविधाएं देने का वादा किया गया, लेकिन प्राधिकरण के स्मार्ट विलेज मायचा में कैंसर जैसी घातक बीमारी से लोगों की मौत हो रही है. प्राधिकरण, प्रशासन व स्वास्थ विभाग से शिकायत के बाद भी कोई सुध लेने वाला नहीं है.

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का स्मार्ट विलेज



ग्रेटर नोएडा के स्मार्ट विलेज में पिछले दो साल में कैंसर से करीब बीस लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. जबकि गांव में 15 से ज्यादा लोग कैंसर की बीमारी से जूझ रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि गांव का पानी दूषित है, जिससे लोगो में कैंसर सहित कई तरह की बीमारी बढ़ रही हैं. गांव में लाखों रुपए खर्च कर गांव में कई साल पहले पानी की सप्लाई के लिए टंकी बनाई गई, लेकिन प्राधिकरण के अधिकारियों की लापरवाही से उसे अभी तक चालू नहीं किया गया.

ग्रामीणों का कहना है कि प्राधिकरण ने स्मार्ट विलेज के नाम पर सामुदायिक केंद्र, पंचायत घर, प्राथमिक विद्यालय का विकास, गांवों में हॉर्टिकल्चर, वाई-फाई, खेल का मैदान, तालाबों का सौर्न्दयकरण, सौर ऊर्जा का संरक्षण, कूड़े प्रबंधन सहित युवाओं को हुनरमंद बना कर रोजगार के लिए प्रेरित किया जाना था. ग्रामीण स्मार्ट विलेज की सुविधाओं को अभी भी तरस रहे है. वहीं कैंसर जैसी घातक बीमारी के डर के साए में जीने को मजबूर है.

शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

ग्रामीणों ने बताया कि प्राधिकरण ने गांव में सफाई के लिए 16 लोगों को नियुक्त किया है, लेकिन केवल चार लोग ही सफाई के लिए आकर औपचारिक्ताएं निभा रहे हैं. गांव का पानी दूषित है, जिससे लगातार लोगों में कैंसर की बीमारी फैल रही है. गांव में बनी टंकी के पानी की जांच कराकर उसकी सप्लाई को चालू करना चाहिए, ताकि लोगों को शुद्ध् पानी मिल सके.



ग्रामीण शेखर भाटी ने बताया कि जिला पंचायत द्वारा गांव में पहला सरकारी अस्पताल बनाया गया था. मगर 30 सालों बाद भी अभी तक स्वास्थ विभाग द्वारा कोई डॉक्टर नियुक्त नहीं किया गया है. गांव के लोगों ने जिलाधिकारी, स्वास्थ विभाग व सरकार से कई बार शिकायत की, लेकिन कोई भी अस्पताल की सुध लेने वाला नहीं है. साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि गांव में लोगों की कैंसर से लगातार मौत हो रही है. पानी की जांच के लिए जिलाधिकारी, स्वास्थ विभाग व प्राधिकरण से कई बार शिकायक की जा चुकी है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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