नई दिल्ली/नोएडा: आम जनता की सुरक्षा और चप्पे-चप्पे पर नजर रखने के लिए पीसीआर चलाई गई है, जिसको चलता फिरता कंट्रोल रूम भी कहा जाता है. सुरक्षा के लिए लगी इन पीसीआर पर सीयूजी नंबर दिया रहता है. लेकिन पिछले 10 दिनों से पीसीआर का सीयूजी नंबर बंद चल रहा है. 2 महीने कमिश्नरी बने हो गया है लेकिन कोई भी आला अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है. जिसके चलते देखा जाए तो पब्लिक और पुलिस के बीच संपर्क टूट गया है.
पीसीआर का सीयूजी नंबर बंद पीसीआर का सीयूजी नंबर बंद
कमिश्नरी सिस्टम में जोन सिस्टम को अगर हटा कर देखा जाए तो नोएडा में 9 थाने और 60 पुलिस चौकियां हैं. इनके बीच में 40 से ज्यादा पीसीआर चल रही है. सभी पीसीआरओं पर सीयूजी नंबर दिए गए हैं, जिनका नंबर 8800 1999 से शुरू है.
बिल भुगतान ना होने से बंद नंबर
सभी पीसीआरओ के सीयूजी नंबर 10 दिन से ज्यादा समय से बंद पड़े हैं. बिल भुगतान ना होने से इनकमिंग और आउटगोइंग दोनों सर्विस कंपनी ने बंद कर दी है.
बंद नंबर के चलते समस्या
पीसीआर के सीयूजी नंबर बंद होने से जनता के साथ-साथ पुलिस को भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. पुलिस सूत्रों की माने तो जिस सूचना को वायरलेस की जगह फोन पर देनी होती है, उसे मजबूरी में वायरलेस पर बोलना पड़ता है. वह भी तब दी जाती है जब वायरलेस खाली रहता है. नंबर बंद होने से पुलिस का पब्लिक से संपर्क टूट सा गया है.
पुलिस अधिकारियों का नहीं कोई ध्यान
गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरी में बेहतर पुलिसिंग की बात सभी अधिकारी कर रहे हैं, पर जमीनी हकीकत यह है कि विभाग की छोटी से छोटी कमी और बड़ी सी बड़ी कमी अधिकारी देखकर भी आंख मूंदे हुए हैं, जिसका जीता जागता उदाहरण पीसीआर का सीयूजी नंबर बंद होना है.