नई दिल्ली/नोएडा: लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में कैद रहे. कोरोना के चलते मल्टीनेशनल कंपनियों, IT सेक्टर की कंपनियों, स्कूल, कॉलेज के टीचर्स सभी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. वर्क फ्रॉम होम कल्चर जरूरी और मजबूरी दोनों बन चुका है ताकि संक्रमण पर ब्रेक लगाई जा सके. हालांकि वर्क फ्रॉम होम के चलते तमाम बीमारियों ने लोगों के जीवन में 'घर' कर लिया है.
मानसिक तनाव, फ्रस्ट्रेशन (कुंठा), डिप्रेसिव मूड, मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और ओबेसिटी (मोटापा) जैसी बीमारियों मनुष्य को जकड़ रही हैं. इन बीमारियों में से ओबेसिटी ने सबसे ज्यादा लोगों को प्रभावित किया है. दरअसल ओबेसिटी बीमारी कई बीमारियों का जन्म देती है.
ओबेसिटी बीमारी से बचाव
नोएडा IMA प्रेसिडेंट और सीनियर फिजिशियन डॉक्टर एनके शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान एक रिसर्च में पाया गया है कि ओबेसिटी के मरीजों की संख्या बढ़ी है. ओबेसिटी बीमारी से बचाव के लिए चिकना खाना (दूध, घी, बटर, चीज, तला-भुना), मिठाई, जंक फूड, डब्बा बंद खाने से परहेज करना चाहिए. साथ ही खाना खाने का वक्त निर्धारित करना बेहद जरूरी है.
एक बार में ज्यादा खाना खाने के बजाय मील्स को कुछ-कुछ टाइम इंटरवल में बाटें. वर्क फ्रॉम होम ने लोगों की दिनचर्या में बदलाव किया है. ऐसे में काम, व्यायाम और विश्राम का वक्त निर्धारित करना बहुत जरूरी है. इसके अलावा रोजाना योग, एक्सरसाइज करने से मोटापे से बचाव किया जा सकता है.