नई दिल्ली/नोएडा: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन भानू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह चिल्ला बार्डर पर पिछले 17 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. आखिर क्या हैं किसानों की मांग और आंदोलन पर क्यों लग रहे हैं आरोप, इस मुद्दे पर ईटीवी भारत ने भानू प्रताप सिंह से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने बेबाकी से अपनी बात रखी.
कानून वापसी होने तक धरना
भानू प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार किसानों के हित में कोई भी कदम नहीं उठा रही है. जिसके चलते किसान आज बदहाली के कगार पर खड़ा होने पर मजबूर है और अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उसे मजबूरी में उतरना पड़ा है. सरकार अगर जल्द कानून में संशोधन और किसान हित में कार्य नहीं करती है तो देश में भयावह स्थिति पैदा हो सकती है. सरकार किसानों की आवाज को जब तक नहीं सुनेगी और उनकी मांगों को नहीं मानेगी, तब तक इसी तरह हर तरफ धरना प्रदर्शन सरकार का विरोध होता रहेगा.
17वें दिन भी भानू गुट का धरना जारी
किसान आयोग का हो गठन
भानू प्रताप सिंह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री को किसान हित में निर्णय लेते हुए किसान आयोग का गठन करना चाहिए. जब तक किसान आयोग का गठन नहीं होगा तब तक किसान सुखी नहीं होगा और उसके हित के बात नहीं होगी. किसान आयोग का गठन कर किसानों को ही उसका मेंबर बनाया जाए, जो किसानों के हित में काम कर सकें. आज उद्योगपति अपने सामान का दाम स्वयं निर्धारित करते हैं , वहीं किसान की फसल का निर्धारण सरकार करती है, जो उसको सही रूप में नहीं मिल पाता है. किसान आयोग के गठन के बाद ही किसान को उसके हक और उसकी फसल का सही मूल्य मिल पाएगा.