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नूंह: किसान धरने पर राजा हसन खां मेवाती का शहादत दिवस मनाया, योगेंद्र यादव भी हुए शामिल

नूंह में सुनहेड़ा जुरहेड़ा बॉर्डर पर चल रहे किसानों के धरने पर शहीद राजा हसन खान मेवाती का शहादत दिवस मनाया गया. इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने सरकार पर जमकर निशाना साधा.

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नूंह: किसान धरने पर राजा हसन खां मेवाती का शहादत दिवस मनाया, योगेंद्र यादव भी हुए शामिल

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Published : Mar 15, 2021, 7:56 PM IST

नई दिल्ली/नूंह:सुनहेड़ा जुरहेड़ा बॉर्डर पर चल रहे किसानों के धरने पर सोमवार को शहीद राजा हसन खान मेवाती का शहादत दिवस मनाया गया. इस दौरान धरनास्थल पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव भी पहुंचे और उन्होंन भी श्रद्धांजलि अर्पित की.

नूंह: किसान धरने पर राजा हसन खां मेवाती का शहादत दिवस मनाया, योगेंद्र यादव भी हुए शामिल

धरने पर लोगों को संबोधित करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि बंगाल के किसान को भले ही पंजाब के किसान की भाषा समझ में नहीं आती हो, लेकिन बंगाल का किसान पंजाब के किसान की भावना को अच्छी तरह समझता है. दर्द से दर्द का रिश्ता बनेगा और किसान भाजपा को सबक सिखाएगा.

योगेंद्र यादव ने कहा कि इस संयुक्त किसान मोर्चा का सर्वसम्मति से फैसला हुआ कि बीजेपी को चुनाव में सबक सिखाएंगे. संविधान की भाषा ये नहीं समझते, सच-झूठ से मतलब नहीं, इंसानियत से कोई लेना-देना नहीं है. इनको सिर्फ वोट, सीट, सत्ता, सरकार की भाषा समझ आती है. इनको इनकी भाषा में ही जवाब देंगे.

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वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के नेता एवं संयोजक दर्शन पाल सिंह ने कहा कि हर विधायक के वीक प्वाइंट होते हैं, जजपा विधायकों के भी बहुत से वीक प्वाइंट हैं. इन्हीं वीक प्वाइंट की बदौलत जजपा विधायक अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं, लेकिन जनता के आंदोलन से जजपा विधायक का भस्म हो जाएंगे और हरियाणा सरकार गिर जाएगी.

इसके अलावा दर्शन पाल सिंह ने कहा कि मेवात वीर बहादुर लोगों की सरजमीं है. यहां के लोगों ने जब भी देश पर किसी बाहरी आक्रमणकारियों ने हमला किया है तो अपनी जान की बाजी लगाकर देश पर किसी प्रकार की आंच नहीं आने दी. आज भी मेवात के लोग किसान आंदोलन के साथ खड़े हुए हैं.

बता दें कि, आज ही के दिन खानवां के मैदान में राजा शहीद हसन खान मेवाती अपने 12 हजार घुड़सवारों के साथ शहीद हुए थे. उन्होंने देश के लिए एक ऐसी मिसाल पेश की जिसका कोई सानी नहीं है. युद्ध में जिस समय राणा सांघा घायल हो गए थे तो लड़ाई का मोर्चा राजा हसन खान मेवाती ने संभाला था और उन्होंने पीठ दिखाने के बजाय बहादुरी से लड़ाई लड़ते-लड़ते शहादत दी थी. उनकी याद में हमेशा मेवात के लोग कार्यक्रम करते आ रहे हैं.

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