नई दिल्ली/पलवल: ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ मानी जाने वाली आशा वर्करों की 7 अगस्त से हड़ताल चल रही है. आशा वर्करों का कहना है की अगर सरकार ने जल्द ही उनकी मांगो को पूरा नहीं किया, तो मजबूरन उन्हें अनिश्चितकालीन धरना - प्रदर्शन पर जाना पड़ेगा. आशा वर्करों ने बताया की शनिवार को सात जिलों के कर्मचारी स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का घेराव करेंगे.
पलवल में आशा वर्करों ने किया सरकार के खिलाफ प्रदर्शन आशा वर्करों का कहना है कि सरकार ने उनका आठ सेवाओं पर इंसेंटिव देना बंद कर दिया है. जिसकी वजह से उनकी मासिक आमदनी में काफी कमी आ गई है. साथ ही साथ प्रदेश सरकार के साथ वर्ष 2018 में एक समझौता हुआ था. जिसे सरकार ने अभी तक लागू नहीं किया है. जिसके कारण मजबूरी में आशा वर्करों को हड़ताल पर बैठना पड़ा है. ये हालत तो तब है जब आशा वर्करों को सरकार द्वारा कोरोना योध्या घोषित किया हुआ है.
आशा वर्कर यूनियन की उपप्रधान राज पांचाल और सीटू के जिला प्रधान श्रीपाल भाटी का कहना है कि पिछले वर्ष तक उन्हें डी एन सी,एएनसी, डेथ बर्थ सर्टिफिकेट , हाउसहोल्ड सर्वे, ईसी कपल, बी एच एमसी आदि सर्विस इस पर 50% इंसेंटिव मिलता था. जिसे अब बंद कर दिया गया है. उनकी मांग है कि सरकार उनकी इन 8 सेवाओं पर इंसेंटिव को दोबारा शुरू करें और वर्ष 2018 में लागू समझौते को तुरंत लागू करे.
उन्होंने बताया की आशा वर्करों को जो 1000 रुपये मिलते थे. कोविड 19 के चलते उन्हें भी बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा की सरकार ने हमें स्मार्ट फोन देने का वादा किया. अभी तक वो भी नहीं दिया.
आशा वर्करों का कहना है की अगर सरकार ने जल्द ही उनकी मांगो को पूरा नहीं किया, तो मजबूरन आशा वर्करों को अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन पर जाना पड़ेगा. आशा वर्करों ने बताया की शनिवार को सात जिलों के कर्मचारी स्वास्थय मंत्री अनिल विज का घेराव करेंगे.