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दिल्ली से करतारपुर कॉरिडोर के लिए रवाना हुआ श्रद्धालुओं का जत्था

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Published : Nov 29, 2019, 2:56 PM IST

दिल्ली से चला ये जत्था शाम को करनाल के निर्मल कुटिया गुरुद्वारे में पहुंचा. सभी श्रद्धालुओं ने निर्मल कुटिया गुरुद्वारे में माथा टेका और जो बोले सोने हाल के जयकारे लगाए.

550th Prakash Parv of Guru Nanak Dev Congregation of devotees on cycle
दिल्ली से करतारपुर कॉरिडोर के लिए रवाना हुआ श्रद्धालुओं का जत्था

नई दिल्ली/करनाल: गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व पर 30 श्रद्धालुओं का जत्था साइकिल पर दिल्ली से करतारपुर कॉरिडोर के लिए रवाना हुआ. इस दौरान उन्होंने पर्यावरण को बचाने का संदेश दिया. दिल्ली से चला ये जत्था शाम को करनाल के निर्मल कुटिया गुरुद्वारा में पहुंचा. सभी श्रद्धालुओं ने निर्मल कुटिया गुरुद्वारा में माथा टेका और जो बोले सो निहाल के जयकारे लगाए.

करतारपुर कॉरिडोर के लिए रवाना हुआ श्रद्धालुओं का जत्था

सुबह 4 बजे दिल्ली से रवाना हुआ जत्था
ये जत्था वीरवार को सुबह 4 बजे दिल्ली से गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर के लिए रवाना हुआ. सभी श्रद्धालु गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य में डेरा बाबा नानक के लिए रवाना हुए.

श्रद्धालुओं ने कहा कि ये यात्रा गुरु नानक देव के मानवता के संदेश को लेकर निकाली जा रही है. यात्रा में मौजूद श्रद्धालुओं ने युवाओं से बाइक को छोड़ साइकिल को इस्तेमाल करने की बात कही. उन्होंने कहा कि इससे पर्यावरण भी सही रहेगा और सेहत भी.

पीएम मोदी ने किया था इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर में इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट का उद्घाटन किया, जो पंजाब के गुरदासपुर जिले में भारत और पाकिस्तान के बीच सात दशकों में पहला धार्मिक लिंक है. इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट के उद्घाटन से भारतीय तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान के गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने की सुविधा मिली, लेकिन श्रद्धालुओं को अपना पंजीकरण कराना आवश्यक है.

क्या है समझौता?
समझौते के अनुसार, भारतीय मूल के सभी धर्मों के श्रद्धालु गलियारे का उपयोग कर सकते हैं. यात्रा वीजा मुक्त होगी. तीर्थयात्रियों को केवल एक वैध पासपोर्ट ले जाने की आवश्यकता है. भारतीय मूल के व्यक्तियों को अपने देश के पासपोर्ट के साथ ओसीआई कार्ड ले जाने की आवश्यकता है और गलियारा सुबह से शाम तक खुला रहेगा.

सुबह यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को उसी दिन वापस लौटना होगा और गलियारे को अधिसूचित दिनों को छोड़कर, पूरे साल चालू रखा जाएगा. तीर्थयात्रियों के पास व्यक्तिगत रूप से या समूहों में जाने के लिए और पैदल यात्रा करने का भी विकल्प होगा. भारत यात्रा की तारीख से 10 दिन पहले तीर्थयात्रियों की सूची पाकिस्तान को भेजेगा.

पुष्टि यात्रा की तारीख से चार दिन पहले तीर्थयात्रियों को भेजी जाएगी और पाकिस्तान की ओर से भारत को 'लंगर' और 'प्रसाद' के वितरण के लिए पर्याप्त व्यवस्था का आश्वासन दिया गया है.

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