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पापा से सीखी शतरंज की चाल, 11 साल की उम्र में शुभी ने दुनिया भर में कमाया नाम

गाजियाबाद की शुभी गुप्ता ने यूपी ही नहीं बल्कि देश का नाम भी रोशन किया है. शुभी गुप्ता ने पश्चिमी एशियाई युवा शतरंग चैंपियनशिप में भारत को रजत पदक दिलाने वाली शुभी ने अपने पिता से शतरंज की बाजी सीखी और देश-विदेश में अपना पचान बनाई.

West Asian Youth Chess Championship
West Asian Youth Chess Championship

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Published : Jul 3, 2022, 12:20 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद:गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक में रहने वाली शुभी गुप्ता की उम्र 11 साल है. इस छोटी सी उम्र में शुभी ने न सिर्फ अपना और अपने परिवार का बल्कि देश का नाम भी दुनियाभर में रोशन किया है. शुभी ने मालदीव में आयोजित पश्चिमी एशियाई युवा शतरंज चैंपियनशिप में भारत को रजत पदक दिलाया है. इसके अलावा देश विदेश में अब तक वो कई पदक अपने नाम कर चुकी है. शतरंज खेलने की प्रेरणा उन्हें अपने पिता से मिली थी. जो पेशे से इंजीनियर हैं.

शुभी गुप्ता बताती हैं कि 2017 से उन्होंने अपने पिता के साथ चेस खेलना शुरू किया. शुभी के पिता प्रदीप गुप्ता पेशे से आईटी इंजीनियर हैं. प्रदीप को चेस खेलना बेहद पसंद है. पिता के साथ कुछ वक्त चेस खेलने के बाद शुभी की रूचि चेस में बढ़ने लगी, जिसके बाद शुभी ने स्कूल में चेस क्लब ज्वाइन किया. चेस में महारत हासिल करने के बाद उन्होंने इंटर स्कूल और जिला स्तर पर आयोजित हुई कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया, जिसमें उन्हें कामयाबी हासिल हुई. अधिकतर प्रतियोगिताओं में उन्होंने प्रथम स्थान हासिल किया.

शुभी गुप्ता ने पश्चिमी एशियाई युवा शतरंज चैंपियनशिप में भारत को रजत पदक दिलाया.

कोरोना महामारी के दौरान शुभी की प्रैक्टिस ने काफी रफ्तार पकड़ी. जिसका फायदा उन्हें कई प्रतियोगिताओं में हासिल हुआ. शुभी वर्ल्ड अंडर 12 चेस चैंपियनशिप में प्रथम स्थान हासिल करना चाहती हैं. अर्जुन एरिगासी और विश्नाथन आनन्द को अपना आदर्श मानती हैं. शुभी जल्द से जल्द चेस में ग्रैंड मास्टर बनना चाहती हैं. इस मुकाम को हासिल करने में शुभी के उनके कोच प्रांसजित दत्ता, माता, पिता और भाई का अहम योगदान रहा है. शुभी बताती हैं कि परिवार और कोच के सपोर्ट के बिना यहां तक पहुंचना नामुमकिन था.

इंटरनेशनल लेवल चेस चैंपियनशिप

शुभी के पिता प्रदीप गुप्ता बताते हैं कि उनकी बेटी ने छोटी सी उम्र में बहुत कुछ हासिल कर उन्हें गौरवान्वित किया है. प्रदीप बताते हैं कि परिवार में सब चेस खेलते थे वहीं से शुभी को चेस में रूचि आने लगी. धीरे धीरे शुभी की रूचि और बढ़ने लगी. धीरे-धीरे शुभी ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया जिसके बाद शुभी उचाई की सीढ़ियां चढ़ती गई. शुभी के पिता चाहते हैं कि सरकार उनकी बेटी की आर्थिक तौर पर सहायता करें जिससे कि शुभी आने वाले समय में देश का नाम दुनिया भर में रोशन कर सकें. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी करना और उनमें शामिल होने में कई प्रकार का खर्च आता है. जिसको एक मध्यम वर्गीय परिवार के लिए वहन करना बड़ी चुनौती है. शुभी क्रॉसिंग रिपब्लिक स्थित इंदिरापुरम पब्लिक स्कूल में पढ़ती हैं. स्कूल ने शुभी की उपलब्धियों को देखते हुए उनकी फीस माफ कर रखी है. शुभी की उपलब्धियां-

नेशनल लेवल चेस चैंपियनशिप


इंटरनेशनल लेवल चेस चैंपियनशिप

  • मालदीव में 15 से 23 जून 2022 के बीच आयोजित वैस्टर्न एशियन यूथ चेस चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल. स्टैंडर्ड, रैपिड और ब्लिट्ज कैटेगरी में सिल्वर मेडल हासिल किया.
  • वेस्टर्न एशियन यूथ ऑनलाइन चैंपियनशिप अंडर-12 में इंडिविजुअल कैटेगरी में सिल्वर मेडल हासिल किया.
  • फिलीपींस द्वारा आयोजित एशियन स्कूल चेस चैंपियनशिप अंडर 11 में सिल्वर मेडल हासिल किया.

नेशनल लेवल चेस चैंपियनशिप

  • गुजरात के अहमदाबाद में मई 2022 में आयोजित हुई नेशनल अंडर 14 गर्ल्स चेस चैंपियनशिप में छटा मुकाम हासिल किया.
  • कर्नाटक के मंड्या में अप्रैल 2022 में आयोजित हुई नेशनल अंडर 12 गर्ल्स चेस चैंपियनशिप में पहला मुकाम हासिल किया.
  • नई दिल्ली में मार्च 2022 में आयोजित हुई नेशनल सब जूनियर चेस चैंपियनशिप में तीसरा स्थान हासिल किया और वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप और एशियन चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए क्वालीफाई हुईं.

इतना ही नहीं शुभी ने प्रदेश स्तर पर आयोजित हुई दर्जन भर से अधिक चेस चैंपियनशिप में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान हासिल किया है.

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