दिल्ली

delhi

ETV Bharat / city

रोहिंग्या पकड़े जाने के बाद गाजियाबाद में सुरक्षा चाक चौबंद

गाजियाबाद पुलिस ने सुरक्षा एजेंसियों से मिले अलर्ट के बाद जिले की सीमाओं की सुरक्षा बढ़ा दी है. SP देहात ईरज रजा ने बताया कि 15 अगस्त और सावन को लेकर यह सुरक्षा बढ़ाई गई है.

By

Published : Jul 27, 2021, 9:39 PM IST

Gaziabad
गाजियाबाद में बढ़ी पुलिस सुरक्षा

नई दिल्ली/गाजियाबाद : दिल्ली से सटे गाजियाबाद में रेलवे स्टेशन के पास रोहिंग्या पकड़े जाने के बाद पुलिस ने गाजियाबाद के तमाम सार्वजनिक स्थलों की सुरक्षा में बढ़ा दी है. एक तरफ सावन को लेकर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं, तो वहीं स्वतंत्रता दिवस को देखते हुए गाजियाबाद की सभी सीमाओं को चाकचौबंद किया गया है. इसके साथ ही शहरे के सबसे प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर की सुरक्षा में भी इजाफा किया गया है.


ये भी पढ़ें-फर्जी दस्तावेज से बांग्लादेशी और रोहिंग्यों ने लिया PM आवास योजना का लाभ : भाजपा विधायक

एसपी देहात ईरज रजा ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस को देखते हुए सुरक्षा के लिहाज से पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है. मुख्य रूप से बॉर्डर पर निगरानी बढ़ाई गई है. आसमान से लेकर जमीन तक नजर रखी जा रही है. सीसीटीवी के अलावा कुछ अन्य आधुनिक डिजिटल उपकरणों का भी इस्तेमाल सुरक्षा की दृष्टि से किया जा रहा है. इसके अलावा रेलवे स्टेशन और अन्य सार्वजनिक जगहों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है.
गाजियाबाद में सुरक्षा चाकचौबंद


गौरतलब है कि गाजियाबाद और दिल्ली से सटे गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले 8 महीने से किसान आंदोलन चल रहा है. जिसे देखते हुए है सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया था. आशंका थी कि किसानों के बीच में शामिल होकर आतंकी किसी वारदात को अंजाम दे सकते हैं. सुरक्षा एजेंसियों के अलर्ट के बाद गाजियाबाद पुलिस ने जिले की सभी सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है.

गौरतलब है कि गाजियाबाद के लोनी विधानसभा से बीजेपी विधायक ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर बांग्लादेशी और रोहिंग्या को PM आवास योजना के तहत लाभ दिए जाने का दावा किया था. बीजेपी विधायक ने अपने पत्र में लिखा था कि लोनी की स्थानीय गैंग की मदद से बांग्लादेश और रोहिंग्या के लोगों के नंद नगरी एवं अक्षरधाम से आधार कार्ड के साथ अन्य जरूरी सरकारी दस्तावेज बनवाए जा रहे हैं. इसके अलावा इनके पास वोटर आईडी, पैन कार्ड, मूल निवास प्रमाण पत्र व जमीन के दस्तावेज भी हैं. इनमें से कुछ लोग लोनी के मूलनिवासी भी बन चुके हैं जो चिंताजनक है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details