दिल्ली

delhi

गाजियाबाद: सरकारी राशन कोटेदारों की प्रधानमंत्री से मांग, बंद हो थंब इंप्रेशन से राशन वितरण

By

Published : Apr 28, 2021, 11:51 AM IST

गाजियाबाद में सरकारी राशन कोटेदारों ने प्रधानमंत्री मोदी से मांग की है कि मशीन की बजाय किसी अधिकारी की निगरानी में राशन की दुकानों पर राशन वितरित करने की व्यवस्था करवाई जाए.

distribution of ration should be stopped with thumb impressions
राशन बेचने के दौरान मशीन को टच करने की जरूरत

नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद में सरकारी राशन की दुकानों के संचालकों ने जिलाधिकारी के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर फेडरेशन से जुड़े, राशन कोटेदारों ने मांग की है कि फिलहाल EPOS मशीन के जरिए लोगों को अनाज वितरित न किया जाए. क्योंकि मशीन से कोटेदार और खरीददार को अपने अंगूठे का इंप्रेशन लगाना होता है. फिलहाल की स्थिति में ये कोरोना के खतरे को बढ़ा सकता है. राशन कोटेदारों ने मांग की है कि मशीन की बजाय किसी अधिकारी की निगरानी में राशन की दुकानों पर राशन वितरित करने की व्यवस्था करवाई जाए.

बंद हो थंब इंप्रेशन से राशन वितरण

ये भी पढ़ें :गाजियाबाद: व्यापारियों ने 2 मई तक लगाया सेल्फ लॉकडाउन

कम से कम हो टच

सरकारी राशन डीलरों का कहना है कि मशीन के माध्यम से राशन बेचने के दौरान मशीन को टच करने की जरूरत पड़ती है. इसके बाद अन्य व्यक्ति को भी उसे टच करना पड़ता है. इस तरह कतार में लगातार आ रहे लोग उस मशीन को बायोमेट्रिक सिस्टम की वजह से टच करते हैं. जिससे संक्रमण बढ़ने के आसार बढ़ जाते हैं. हालांकि सरकार ने यह प्रक्रिया कालाबाजारी रोकने के लिए शुरू की थी. जिससे प्रत्येक व्यक्ति के घर पर सरकारी राशन पहुंच पाए. जब से यह प्रक्रिया शुरू हुई तब से राशन को लेकर होने वाली कालाबाजारी पर काफी हद तक लगाम लगी है. मगर महामारी के दौरान कुछ समय के लिए इस प्रक्रिया को खत्म करने की मांग हो रही है.

ये भी पढ़ें :गाजियाबादः कोरोना रिपोर्ट मिलने में देरी को लेकर लैब टेक्नीशियन से मारपीट, वीडियो वायरल

सैनिटाइजेशन की व्यवस्था

बीते साल जब यह मांग उठी थी, तो उसके बाद सरकारी दिशा निर्देश दिए गए थे. जिसमें कहा गया था कि मशीन को हर बार थंब इंप्रेशन लगने के बाद सैनिटाइज किया जाए. यही नहीं 2 गज की दूरी भी सरकारी राशन की दुकानों पर मेंटेन की जाए. कई जगहों पर राशन की दुकानों पर हंगामा भी देखने को मिला था. जिससे सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन नहीं हो पाई थी. बहराल देखना यह होगा कि प्रधानमंत्री के नाम भेजे गए ज्ञापन के बाद इस पर कोई आगे का फैसला होता है या नहीं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details