नई दिल्ली/गाजियाबाद: लॉकडाउन में मंदिर बंद हैं, शादियां निरस्त हो गई हैं. लोगों ने घर में पंडितों से पूजा करवानी बंद करवा दी है. हालात ऐसे हो चुके हैं कि पुजारी राशन के दाने-दाने के लिए तरस रहे हैं. अब पुजारियों ने सरकार से गुहार लगाई है कि गाजियाबाद में मंदिर खोल देने चाहिए. मंदिरों में सोशल डिस्टेंस का भी ध्यान रखा जाएगा और मंदिर खुलने से उनको आर्थिक संकट से राहत मिलेगी.
क्या कह रहे हैं मंदिरों के पुजारी दक्षिणा ही है मुख्य जरिया
दरअसल पुजारियों की रोजी-रोटी का एक ही जरिया होता है और वह है दक्षिणा. अब जब पूजा-पाठ सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठान भी बंद हैं और शादियां भी नहीं हो रही हैं तो दक्षिणा भी बंद हो गई है. करीब 2 महीने तक तो जैसे-तैसे समय बीताया गया, लेकिन अब हालात मुश्किल हो गए हैं. पुजारियों का कहना है कि सरकार से आर्थिक सहायता लेने की बजाय वह काम करना चाहते हैं, अगर पूजा-पाठ शुरू हो जाएगा और शादी विवाह के अलावा अन्य धार्मिक कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे तो सभी नियमों का पालन करते हुए वह अपने और अपने परिवार का गुजारा चला पाएंगे.
प्रवासियों की तरह पलायन पर मजबूर
कुछ पुजारी और पुरोहित ऐसे हैं जो किसी दूसरे जिला या राज्य से आकर अन्य जिलों के मंदिर में बतौर पुरोहित कार्य करते हैं. ऐसे में उनके लिए स्थिति और ज्यादा बदतर हो गई है. कुछ पुजारियों का कहना है कि हालातों में सुधार नहीं होता है तो उन्हें भी प्रवासी मजदूरों की तरह अपने घर लौटने पर मजबूर होना होगा.