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खबर का असर: मृतक पत्रकार के घर पहुंचे सांसद वीके सिंह, सौंपा 10 लाख का चेक - गाजियाबाद पत्रकार मर्डर

ईटीवी भारत की खबर दिखाए जाने के बाद गाजियाबाद के सासंद वीके सिंह आज दिवंगत पत्रकार विक्रम जोशी के परिजनों से मिलने पहुंचे. इस दौरान सांसद ने उन्हें 10 लाख रुपये चेक सौंपा और कहा कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई जाएगी. बता दें कि मृतक के अंतिम संस्कार में विपक्षी नेता तो पहुंचे थे, लेकिन सत्तारूढ़ नेता नेता नदारद रहे थे.

mp vk singh meets family of Ghaziabad journalist vikram joshi
सांसद वीके सिंह

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Published : Jul 23, 2020, 6:23 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबादः ईटीवी भारत की खबर के बाद आज गाजियाबाद के सांसद वीके सिंह और भाजपा के महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा मृतक पत्रकार विक्रम जोशी के परिजनों के मिलने उनके घर पहुंचे. सांसद वीके सिंह ने मृतक पत्रकार के परिजनों से मिल उनका हालचाल जाना. उन्होंने परिजनों को आश्वस्त किया कि सरकार द्वारा की गई घोषणा के अलावा भी पीड़ित परिवार की हर संभव सहायता की जाएगी.

मृतक पत्रकार के घर पहुंचे सांसद वीके सिंह

इस संकट की घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है. इस दौरान वीके सिंह ने परिवार को 10 लाख रुपये के आर्थिक सहायता का चेक भी सौंपा. बता दें कि पत्रकार विक्रम जोशी को सोमवार रात बदमाशों ने उस समय गोली मार दी थी, जब वो अपनी बहन के घर से लौट रहे थे.

बदमाशों के हमले में घायल विजयनगर इलाके के पत्रकार ने अस्पताल में इलाज के दौरान बुधवार को दम तोड़ दिया. प्रदेश सरकार के द्वारा मृतक के परिवार को दस लाख रुपये की आर्थिक सहायता, बच्चों को निःशुल्क शिक्षा और पत्नी को शिक्षा के आधार पर नौकरी देने की घोषणा की थी.

अंतिम संस्कार में पहुंचे विपक्षी नेता, सत्तारूढ़ रहे नदारद

मृतक पत्रकार के अंतिम संस्कार में तमाम विपक्षी पार्टियों के नेता तो नजर आए, लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के नेता नदारद रहे. मीडिया से बातचीत में सांसद वीके सिंह ने कहा कि संकट की घड़ी में सरकार और प्रशासनिक तंत्र पीड़ित परिवार के साथ खड़ा है. इस मामले में 9 अपराधियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. घटना में लिप्त अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. परिवार को 10 लाख की आर्थिक सहायता दी गई है. साथ ही बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था भी कराई जा रही है.

बता दें कि पत्रकार अपने पीछे दो मासूम बेटियों और पत्नी को छोड़ गए हैं. पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है. सभी को यह डर सता रहा है कि अब मासूम बेटियों को बिना पिता के सहारे जिंदगी गुजारनी होगी. उन्होंने अपनी आंखों से इस पूरी वारदात को होते हुए देखा है. जिसे वो अपने जहन से शायद कभी नहीं भुला पाएंगी.

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