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गाजियाबाद में निर्दलीय उम्मीदवार बढ़ा सकते हैं राजनीतिक दलों की चिंता, जानिए कैसे

राजनीतिक पंडितों का मानना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्य मुकाबला बीजेपी, कांग्रेस और गठबंधन के उम्मीदवारों के बीच होगा. अगर बात राजनीतिक दलों की करें तो निर्दलीय उम्मीदवारों ने उनकी चिंता बढ़ा दी है.

निर्दलीय उम्मीदवार बढ़ा सकते हैं राजनीतिक दलों की चिंता

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Published : Mar 21, 2019, 11:38 AM IST

Updated : Mar 21, 2019, 12:48 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र में निर्वाचन प्रक्रिया 18 मार्च से शुरू हो गई है. जिला निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक अभी तक कुल 26 नामांकन फॉर्म की बिक्री हुई है और 2 निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया है.

निर्दलीय उम्मीदवार बढ़ा सकते हैं राजनीतिक दलों की चिंता

बताया जा रहा है कि इनदोनों उम्मीदवारों ने किसी राजनीतिक पार्टी से संबंध ना रखकर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है.

निर्दलीय उम्मीदवारों ने बढ़ाई चिंता
गाजियाबाद में मुख्यतः 6 राजनीतिक पार्टियां सक्रिय हैंजिनमें BJP कांग्रेस, सपा, बसपा, रालोद और आम आदमी पार्टी है. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा और रालोद का गठबंधन हुआ है.

ऐसे में राजनीतिक पंडितों का मानना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्य मुकाबला बीजेपी, कांग्रेस और गठबंधन के उम्मीदवारों के बीच होगा. अगर बात राजनीतिक दलों की करें तो निर्दलीय उम्मीदवारों ने राजनीतिक दलों की चिंता बढ़ा दी है.

डमी उम्मीदवार भी उतारे जाने की आशंका
बताया जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में 10 से 12 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव में खड़े हो सकते हैं. जिसको लेकर राजनैतिक दलों में चिंता की लकीर देखी जा रही है.

इस बार के लोकसभा चुनाव में स्थानीय उम्मीदवार का मुद्दा छाया हुआ है. एक अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि कुछ राजनीतिक पार्टियां चुनाव के दौरान डमी उम्मीदवार भी खड़ा कर सकती हैं.

ऐसे उम्मीदवारों पर प्रशासन की सख्त नजर बनी हुई है. अधिकारी ने आगे बताया कि अभी दो दिनों में कुल 26 नामांकन फॉर्म बिके हैं और दो निर्दलीय उम्मीदवारों नेभी पर्चादाखिल किया है.

Last Updated : Mar 21, 2019, 12:48 PM IST

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