नई दिल्ली/गाजियाबाद: देशभर में कोरोना वायरस को लेकर डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ के साथ किए जा रहे बुरे बर्ताव और हमलों को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर कानून जारी कर दिया. जिसमें ऐसा करने वाले लोगों पर 5 हजार से 5 लाख तक का जुर्माना और 6 महीने से 7 साल तक गैर जमानती धारा और जेल का प्रावधान है. लोग भी इसको लेकर सरकार के पक्ष में नजर रहे है. इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने लोगों से बातचीत कर जानी उनकी राय.
केंद्र सरकार द्वारा लाएं गए अध्यादेश को लेकर प्राइवेट चिकित्सक मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े डॉ सुनील वशिष्ठ का कहना है कि इस कानून का कोई दुरुपयोग ना हो, इसलिए इसकी पूरी जांच करने के बाद ही सरकार द्वारा कार्रवाई की जानी चाहिए और जो लोग इसमें दोषी पाए जाते हैं. उसके लिए 7 साल की सजा का कम प्रावधान है. कम से कम ऐसे लोगों पर रासुका लगनी चाहिए.
सजा बहुत कम
अध्यादेश को लेकर कांग्रेस पार्टी गाजियाबाद के पूर्व जिला महासचिव महताब पठान का कहना है कि इस अध्यादेश में बहुत कम सजा रखी गई है. इस में आजीवन कारावास और दोषी की संपत्ति कुर्क होनी चाहिए. हमारा जीवन बचाने के लिए रात दिन मेहनत कर रहे डॉक्टरों पर हमला करना पुरी इंसानियत के लिए शर्मसार करने वाली बात है.
डॉक्टरों में बढ़ेगा विश्वास