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डॉक्टरों से बदसलूकी मामला: '7 साल की सजा काफी नहीं, लगनी चाहिए रासुका'

अध्यादेश को लेकर डॉक्टर सुनील वशिष्ठ का कहना है कि इस अध्यादेश का दुरुपयोग ना हो. इससे पहले पूर्ण रूप से जांच होनी चाहिए और अगर इसमें कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो उसके लिए सात साल की सजा काफी नहीं है. उस पर रासुका लगनी चाहिए.

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Published : Apr 24, 2020, 8:37 PM IST

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अध्यादेश

नई दिल्ली/गाजियाबाद: देशभर में कोरोना वायरस को लेकर डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ के साथ किए जा रहे बुरे बर्ताव और हमलों को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर कानून जारी कर दिया. जिसमें ऐसा करने वाले लोगों पर 5 हजार से 5 लाख तक का जुर्माना और 6 महीने से 7 साल तक गैर जमानती धारा और जेल का प्रावधान है. लोग भी इसको लेकर सरकार के पक्ष में नजर रहे है. इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने लोगों से बातचीत कर जानी उनकी राय.

अध्यादेश के आने से डॉक्टरों में बढ़ेगा विश्वास
ना हो दुरुपयोग

केंद्र सरकार द्वारा लाएं गए अध्यादेश को लेकर प्राइवेट चिकित्सक मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े डॉ सुनील वशिष्ठ का कहना है कि इस कानून का कोई दुरुपयोग ना हो, इसलिए इसकी पूरी जांच करने के बाद ही सरकार द्वारा कार्रवाई की जानी चाहिए और जो लोग इसमें दोषी पाए जाते हैं. उसके लिए 7 साल की सजा का कम प्रावधान है. कम से कम ऐसे लोगों पर रासुका लगनी चाहिए.

सजा बहुत कम

अध्यादेश को लेकर कांग्रेस पार्टी गाजियाबाद के पूर्व जिला महासचिव महताब पठान का कहना है कि इस अध्यादेश में बहुत कम सजा रखी गई है. इस में आजीवन कारावास और दोषी की संपत्ति कुर्क होनी चाहिए. हमारा जीवन बचाने के लिए रात दिन मेहनत कर रहे डॉक्टरों पर हमला करना पुरी इंसानियत के लिए शर्मसार करने वाली बात है.

डॉक्टरों में बढ़ेगा विश्वास

इसके साथ ही द वेटिकन इंस्टिट्यूट मुरादनगर के डायरेक्टर नितिन त्यागी का कहना है कि सरकार जो अध्यादेश लाई है. इससे पहले हमें यह सोचने की जरूरत है कि इस अध्यादेश को लाने की जरूरत क्यों पड़ी, क्योंकि समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं. जिनकी मानसिकता ऐसी है कि वह डॉक्टरों पर भी हमला कर रहे हैं. इससे पता चलता है कि हमारे समाज का क्या स्तर है. जो डॉक्टर हमारी जान बचाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं. उन पर हमला करने वाले लोगों के लिए हमारे पास कहने के लिए शब्द नहीं है. और अब सरकार जो डॉक्टर पर हमला करने वाले लोगों के खिलाफ अध्यादेश लाई है. उससे डॉक्टरों में विश्वास बढ़ेगा.

अध्यादेश से हमलों पर लगेगी रोक

अध्यादेश को लेकर हाजी रियासत का कहना है कि सरकार जो अध्यादेश लाई है. इससे समाज को एक अच्छा संदेश जाता है. क्योंकि जो डॉक्टर होते हैं, उनको दुनिया में दूसरे भगवान के रूप में माना जाता है. वह अपने घर परिवार को छोड़कर हमारी रक्षा करते हैं और हमारी जान बचाकर हम लोगों को एक नया जीवन दान देते हैं. इसलिए सरकार डॉक्टरों के लिए जो अध्यादेश लाई है, हम उसका समर्थन करते हैं और समाज में जो असमाजिक तत्व डाक्टरों पर हमला करते हैं, उन पर इस अध्यादेश से रोकथाम लगेगी.

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