नई दिल्ली: पश्चिमी उत्तर प्रदेश गन्ने की खेती के लिए प्रसिद्ध है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश को गन्ने की बेल्ट के नाम से भी जाना जाता है. यहां पर अधिकतर किसान गन्ने की खेती करते हैं. गन्ने की खेती करने वाले किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या समय पर गन्ने का भुगतान न होना है. पश्चिमी यूपी में गन्ना भुगतान के हालात को लेकर ईटीवी भारत ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों से बातचीत की.
किसानों का कहना था कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने की खेती करने वाले किसानों के हालात बहुत खराब हैं. गन्ने का भुगतान समय पर न होना और गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी न होने से किसान परेशान हैं. सरकार दावे करती हैं कि 14 दिन में गन्ने का भुगतान होगा वरना ब्याज दिया जाएगा, लेकिन अब भी पिछले साल का गन्ने का भुगतान नहीं हुआ है. निजी फैक्टरियां तो दूर सरकारी फैक्टरियों द्वारा भी समय पर गन्ने का भुगतान नहीं किया जा रहा है. सरकार के तमाम दावे झूठे साबित हो रहे हैं.
उठानी पड़ती है परेशानियां
किसान ने बताया समय पर गन्ने का भुगतान न होने के कारण कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. साहूकार से सूद पर पैसा लेकर बच्चों की फीस और घर का खर्चा भी चलाना पड़ता है. जब गन्ने का भुगतान होता है तो साहूकार को पैसा वापस लौटाना पड़ता है. जिसके साथ मोटा ब्याज जाता है. जो किसान बैंक से कर्ज लेते हैं और समय पर नहीं चुका पाते हैं. उनके घर पर बैंकों द्वारा नोटिस भेजे जाते हैं. अंत में किसान आत्महत्या करने तक के लिए मजबूर हो जाता है.
नई फसल के लिए कहां से लाएं रकम