नई दिल्ली/फरीदाबाद: महावतपुर गांव में दलित समाज की बारात रोकने के मामले में गृह मंत्री अनिल विज ने खुद संज्ञान लिया है, तो वहीं दूसरी तरफ भूपानी पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
दलित समाज की बारात रोकने का मामला 'समझौते के लिए दबाव बनाने का आरोप'
पीड़ित परिवार का आरोप है कि उन पर समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा है. पीड़ितों का कहना है कि आरोपी परिवार के लोग उन पर समझौते का दबाव बना रहे हैं और ऐसा नहीं करने पर गलत अंजाम भुगतने की बात कर रहे हैं.
आरोपियों ने रखा अपना पक्ष
वहीं दूसरी तरफ जिन लोगों पर बारात रोकने का आरोप लगा है, वो अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बता रहे हैं. महिला सरपंच के पति भानसिंह चौहान ने बताया कि उनके परिवार में कई लोग हार्ट के पेसेंट हैं और वहां डीजे काफी तेज बजाया जा रहा था. जिसे रोकने के लिए नहीं बल्कि कम करने के लिए कहा गया था.
भानसिंह चौहान ने बताया कि वो खुद मरीज है और वो सिर्फ यही चाहते थे कि डीजे की आवाज को कम कर दिया जाए. इसके साथ उसने दबाव बनाने के आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया. उसने कहा कि वो लोग सिर्फ गांव में भाईचारा बना रहे इसके लिए समझौते की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इसके लिए वो लोग दबाव नहीं मना रहे हैं. अगर दूसरा पक्ष नहीं मानता है तो फिर कोर्ट ही फैसला लेगा.
क्या है मामला ?
भूपानी थाना क्षेत्र के गांव महावतपुर में एक दलित की बारात को रोक दिया गया. जिसके बाद से इलाके में तनाव का माहौल है. आरोप है कि दबंगों ने दलित की बारात ही नहीं चढ़ने दी और उन्हें धमकाकर दूसरे रास्ते से जाने को मजबूर कर दिया. दरअसल, जब रविवार रात को एक दलित की बारात गांव में पहुंची, तो कुछ दबंगों ने रास्ते में अपना ट्रैक्टर लगा दिया और कहा कि यहां से दलितों की बारात नहीं निकलेगी. जिसके बाद उन्होंने दूसरे रास्ते से बारात निकाली.