नईदिल्ली/फरीदाबाद: चीन से फैले कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर में रिसर्च जारी है. अब तक ये तो स्पष्ट हो चुका है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बात करने के दौरान निकले ड्रॉपलेट्स के जरिए ये वायरस फैसला है. लेकिन क्या आपके मन में कभी ये सवाल उठा है कि गंदे पानी में भी कोरोना संक्रमण का खतरा हो सकता है? जैसे की नाले या सीवरेज के गंदे पानी में, तो इसको लेकर अभी भी रिसर्च जारी है.
क्या सीवरेज के गंदे पानी से फैलता है कोरोना ?
इस विषय पर ईटीवी भारत की टीम ने फरीदाबाद के सीएमओ डॉ. ब्रह्मदीप सिंह से बात की. उन्होंने बताया कि अभी तक की रिसर्च में यही सामने आया है कि एक व्यक्ति ही दूसरे व्यक्ति को कोरोना से संक्रमित कर सकता है. उन्होंने बताया कि दुनियाभर में अभी तक ऐसे तथ्य सामने नहीं आए हैं, जिनसे ये पता चल सके कि सीवरेज के पानी से कोरोना संक्रमण हो सकता है. उन्होंने कहा कि वो इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते कि सीवरेज के पानी से कोरोना फैल सकता है. उनको ये संभव नहीं लगता.
सीवरेज साफ करने वाले कर्मचारियों के लिए इंतजाम क्या ?
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इन कर्मचारियों को सावधानी के साथ काम करने की जरूरत है. काम करते समय मास्क, दस्ताने, हेलमेट, रबड के जूते आदि के साथ उनको काम करने की आवश्यकता है. स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि सीवरेज का जितना काम हो सके मशीन के साथ किया जाए, ताकि इंसानी शरीर सीवरेज के पानी से कम संपर्क में आए.
अकेले फरीदाबाद शहर में इस समय 190 सीवर कर्मचारी काम कर रहे हैं. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की देख-रेख कर रहे सियाराम से ईटीवी भारत की टीम ने बात की. जिसमें उन्होंने बताया कि सीवरेज लाइन पर काम करने वाले कर्मचारियों को कोरोना से बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.
देश में कोरोना संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है. अभी तक सिर्फ एक व्यक्ति ही दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर रहा है, लेकिन सीवरेज के गंदे पानी से कोरोना संक्रमण फैलता है या नहीं, इस पर अभी भी रिसर्च जारी है. राहत की बात ये है कि स्वास्थ्य विभाग अभी तक इस बात से इत्तेफाक नहीं रखता कि सीवरेज के गंदे पानी से कोरोना फैल सकता है. ये इसलिए भी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि कोरोना पॉजिटिव मरीजों का ह्यूमन वेस्ट सीवरेज में ही आता है और अगर सीवरेज के जरिए कोरोना फैलता है तो जो लोग उसकी सफाई करते हैं उन पर खतरा सबसे पहले होगा.