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जींदः जामिया लाठीचार्ज का विरोध करने वाले एसएफआई का स्थानीय लोगों ने किया विरोध

मेवात के लोगों ने कैब और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन किया. लोगों ने जामिया में छात्रों के खिलाफ पुलिस द्वारा हुए लाठीचार्ज के खिलाफ भी विरोध किया. अब 18 दिसंबर को कैब के खिलाफ महापंचायत का आयोजन किया जाएगा.

people protest against lathicharge on Jamia students in nuh
स्थानीय लोगों ने किया विरोध

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Published : Dec 16, 2019, 11:18 PM IST

नई दिल्ली/ नूंह: भारतीय संसद से पास और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कैब अब कानून बन चुका है. इस कानून के बनते ही देशभर में विरोध शुरू हो गया. इस विरोध की चिंगारी जामियां में भी पहुंची. जामिया के छात्रों ने इस नागरिकता कानून का जमकर विरोध-प्रदर्शन किया. जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया. इस लाठीचार्ज में कई छात्रों के घायल होने की खबर है.

स्थानीय लोगों ने किया विरोध

जामिया के समर्थन में मेवात में विरोध-प्रदर्शन

जामिया विश्वविद्यालय में पुलिस के रवैये के खिलाफ मेवात में लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर विरोध-प्रदर्शन किया. इसके अलावा सीएबी और एनआरसी बिल के खिलाफ भी लोगों में नाराजगी देखने को मिली. लोगों ने कहा कि ये प्रदर्शन सिर्फ नूंह में ही नहीं होंगे. अगर जरूरत पड़ी तो लाखों मेवाती दिल्ली के लिए भी कूच करने से पीछे नहीं हटेंगे.

मेवात दिवस को गम को रूप में मनाएंगे मेवाती

मेवात विकास सभा के प्रधान सलामुद्दीन एडवोकेट मेवाती ने कहा कि आगामी मेवात दिवस को हम खुशी के रूप में नहीं बल्कि इस बार गम के रूप में मनाएंगे. आपको बता दें कि 19 दिसंबर 1947 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने मेवात के लोगों को आजादी के समय पाकिस्तान जाने से रोका था. इस दिन को मेवात के लोग उसी समय से खुशी से मनाते आए है. लेकिन इस बार सीएबी तथा एनआरसी बिल के साथ-साथ जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर जिस कदर जुल्म ढाए गए. उससे इलाके के लोग खासा नाराज है.

18 दिसंबर को होगी महापंचायत

सलामुद्दीन ने कहा कि आगामी 18 तारीख को जिला मुख्यालय नूह में एक महापंचायत होने जा रही जिसमें न केवल मुस्लिम समुदाय के लोग भाग लेंगे बल्कि सिख समुदाय के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल होंगे. हिंदू समुदाय के लोग भी इस पंचायत का हिस्सा होंगे. इसके अलावा देश के जाने-माने समाजसेवी इस पंचायत में शामिल होंगे.

इस पंचायत के बाद 19 दिसंबर को भी गांधी ग्राम घासेड़ा में उसी मैदान पर जहां पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 19 दिसंबर 1947 को आए थे, वहां विरोध जताया जाएगा और इस सरकार से पूछा जाएगा कि वह इस तरह के कानून क्यों पास कर रही है ? जिसमें सिर्फ एक समुदाय के लोगों को टारगेट किया जा रहा है. यह मुल्क सभी का है सभी के पूर्वजों के यहां पर आजादी से लेकर अन्य लड़ाई में खून बहा है.

विरोध के समय थी भारी संख्या में पुलिस बल

लिहाजा इस तरह के बिल को किसी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा. आपको बता दें कि बडकली चौक पर जिस समय यह प्रदर्शन चल रहा था. उस समय भारी पुलिस का इंतजाम किया गया था. पुलिस के जवान ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू कराने के साथ-साथ किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार दिखे थे.

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