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फरीदाबाद: डबुआ सब्जी मंडी में हुए फड़ आवंटन घोटाले की उच्च स्तरीय जांच कराएगी सरकार

डबुआ सब्जी मंडी में फड़ (सब्जी बेचने के लिए आवंटित स्थान) घोटाले की जांच होगी. विधायक नीरज शर्मा के सवाल पर कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि 25 सितंबर 2018 में नीति विरुद्ध फड़ वितरण नहीं करने के कारण मार्केट कमेटी के सचिव को 8 नवंबर 2019 को निलंबित कर दिया गया था. बाद में सचिव को सात अक्टूबर 2020 को बहाल किया गया.

Government will conduct a high-level investigation into the fad allocation scam in Dabua vegetable marke
फरीदाबाद: डबुआ सब्जी मंडी में हुए फड आवंटन घोटाले की उच्च स्तरीय जांच कराएगी सरकार

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Published : Mar 13, 2021, 4:43 PM IST

नई दिल्ली/फरीदाबाद: डबुआ सब्जी मंडी में फड़ आवंटन घोटाले की जांच होगी. विधानसभा में विधायक नीरज शर्मा के सवाल पर कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि 25 सितंबर 2018 में नीतिविरुद्ध फड़ वितरण नहीं करने के कारण मार्केट कमेटी के सचिव को 8 नवंबर 2019 को निलंबित कर दिया गया था. बाद में सचिव को सात अक्टूबर 2020 को बहाल किया गया.

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फिलहाल फड़ वितरण को निरस्त नहीं किया गया है क्योंकि कुछ आवंटियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. अब भी मामला न्यायालय में विचाराधीन है. मंत्री के जवाब पर नीरज शर्मा ने बताया कि न्यायालय में सिर्फ 160 लोग गए हैं. उन्होंने पूछा कि सरकार ने बाकी पर कार्रवाई क्यों नहीं की.

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विधायक ने मामले को विस्तृत रूप में बताया कि मौके पर 539 फड़ हैं और 704 को आवंटित कर दिए गए. जिनको फड़ आवंटित हुए हैं उनमें कुछ तो समाज के प्रख्यात व्यक्ति भी शामिल हैं. विधायक नीरज शर्मा का कहना था कि डबुआ सब्जी मंडी में फड़ वितरण घोटाला सामने आने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. गलत तरीके से वितरित फड़ भी अभी तक रद्द नहीं किए गए हैं.

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नीरज शर्मा के अनुसार, ये बिना सर्वे और वीडियोग्राफी के आंवटित किए गए. फड़ वितरण शनिवार के दिन सायं चार बजे किया गया और आवंटन की रिपोर्ट ईमेल से सायं 6 बजे मार्केटिंग बोर्ड मुख्यालय को सूचना दे दी गई. छुट्टी के दिन महज दो घंटे में 704 फड़ का आवंटन तो व्यावहारिक रूप में हो ही नहीं सकता.

फड़ आवेदकों से पांच हजार रुपये की सुरक्षा राशि लेनी थी, मगर उनकी पर्ची छह हजार रुपये की काटी गई. शर्मा के अनुसार, आवंटन में तीन टीन शेड दर्शाए गए हैं, जबकि मौके पर दो ही टीन शेड हैं. इन शेड में जनसुविधाएं भी नहीं है. इसके अलावा आवंटन से पहले सचिव ने मार्केट कमेटी की बैठक भी नहीं बुलाई गई.

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