नई दिल्ली :ओखला सब्जी मंडी दिल्ली के सबसे अधिक भीड़भाड़ वाले इलाकों में से एक है. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर शांत पड़ते ही सब्जी मंडी का माहौल भी सामान्य हो गया है. दिल्ली सरकार की तरफ से सब्जी मंडी को हॉट जोन मानते हुए यहां कोरोना जांच केंद्र बना दिया है, जहां हर रोज मंडी में सब्जियों की खरीद-फरोख्त करने वाले लोगों के कोरोना जांच किया जाता है. कोरोना जांच नहीं कराने वाले लोगों के साथ जांच केंद्र पर तीखी नोंकझोंक और अप्रिय स्थिति भी देखने को मिलता है.
लोगों की सुरक्षा के लिहाज से कोरोना जांच किया जा रहा है, लेकिन कई ऐसे लोग हैं जो कोरोना जांच नहीं कराना चाहते हैैं. या जिन्होंने वैक्सीन ले लिया है उन्हें लगता है कि अब वह सुरक्षित हो गए हैं. वह भी कोरोना जांच नहीं करना चाहते. इस कोरोना जांच केंद्र पर हर रोज 300 से ज्यादा लोगों की जांच करने का लक्ष्य दिया गया है. इसे पूरा करने का दबाव यहां के नोडल अधिकारी पर है. जो लोग कोरोना जांच से मना कर रहे हैं तो उन्हें मंडी में प्रवेश नहीं करने दिया जाता है.
जांच करा लो ये कोरोना का नहीं, मंडी में प्रवेश का शुभ टीका है !
ओखला सब्जी मंडी में कोरोना जांच केंद्र बनाया गया है. सब्जी मंडी जाने से पहले लोगों को कोरोना जांच कराना पड़ता है.सिविल डिफेंस के जवान बिना जांच कराए मंडी के अंदर लोगों को नहीं जाने दे रहे हैं. वहीं वैक्सीन लगा चुके लोग बिना जांच के ही अंदर जाना चाहते हैं.
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वहीं लोगों के जबरदस्ती कोरोना जांच करने एवं वैक्सीन ले चुके लोगों को कोराना जांच के लिए मजबूर करने फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया डॉक्टर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर रोहन कृष्णन बताते हैं कि कोरोना जांच कराना सरकार द्वारा बनाए मानकों पर निर्भर करता है. जहां तक वैक्सीन लगा चुके लोगों के कोरोना जांच करने की बात है तो यह नहीं होना चाहिए. जिन व्यक्तियों ने कोरोना का टीका ले लिया है उन्हें कोरोना जांच की जगह एंटीबॉडी जांच की जा सकती है. इससे यह पता लगाया जा सकता है कि वैक्सीन लेने के बाद उस व्यक्ति के अंदर कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी बना या नहीं. डॉक्टर रोहन कृष्णा ने जबरदस्ती कोरोना जांच कराने को गलत बताया है साथ ही ऐसी संस्था या जांच केंद्र के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
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