नई दिल्ली : अडाणी हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वो इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है कि Adani Group की कंपनियों ने शेयर की कीमतों में हेराफेरी पर निगरानी रखने में शेयर बाजार के रेग्यूलेटर सेबी अपनी भूमिका को निभाने में असफल रहा है. SC कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा ये जरुरी कि सभी जांच तय समय सीमा के भीतर पूरी कर लिया जाए.
SC की एक्सपर्ट पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जांच में जो आकड़ें सामने आए हैं उसके मुताबिक 24 जनवरी को Hindenburg Research Report के सामने आने के बाद से अडाणी ग्रुप की कंपनियों में रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ी है और इस पूरे घटनाक्रम के दौरान केवल अडाणी समूह के शेयरों में उठापटक देखी गई है. वैसे भारतीय शेयर बाजार में अडाणी समूह के स्टॉक्स में उठापटक का असर नहीं देखा गया है. कमिटी की रिपोर्ट के अनुसार सेबी ने 13 संदिग्ध ट्रांजैक्शन की पहचान की है. जिसके बाद यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि इस ट्रांजैक्शन में किसी प्रकार की धोखाधड़ी तो नहीं की गई है. कमिटी ने इस मामले में समयसीमा के भीतर जांच करने की बात कही.
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गौरतलब है कि 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप पर शेयरों में धोखाधड़ी, स्टॉक मैन्यूपुलैशन समेत 86 गंभीर आरोप लगाए थे. इसके बाद से शेयर बाजार में उथल- पुथल शुरू हो गई. मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा. शेयरधारकों के हित की रक्षा को ध्यान में रखते हुए SC ने सेबी को जांच का आदेश दिया. साथ ही 2 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जज एएम सप्रे की अध्यक्षता में एक '6 सदस्यीय एक्सपर्ट पैनल' बनाई थी. एक्सपर्ट पैनल ने 10 मई को अपनी एक रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी थी. अडाणी मामले में जांच के लिए SC ने सेबी को अपनी फाइनल रिपोर्ट 14 अगस्त तक सौंपने की मोहल्लत दी है. विदित हो कि Adani Group ने हिंडनबर्ग के सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से आधारहीन बताया है.
एससी एक्सपर्ट पैनल में ये लोग शामिल :अडाणी- हिंडनबर्ग मामले में जांच के लिए गठित 6 सदस्यीय टीम में पूर्व जज ए एम सापरे (AM Sapre) आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व सीईओ रहे के वी कामथ, इंफोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि, एसबीआई के पूर्व चेयरमैन ओ पी भट्ट, जस्टिस जे पी देवधर और सोमशेखर संदरेशन शामिल हैं. Supreme Court ने इस कमिटी से दो महीने में अपनी रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में जमा करने को कहा था. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कमिटी द्वारा जमा किए गए रिपोर्ट को सभी पक्षों और उनके वकीलों को देने को कहा था.
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