नई दिल्ली : गो फर्स्ट एयरलाइंस वित्तीय संकट से जूझ रही है. कंपनी के पास फ्लाइट उड़ाने के लिए न तो ईंधन है और न ही पैसे. जिसके चलते एयरलाइन ने 3, 4 और 5 मई की अपनी सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं. कंपनी ने National Company Law Tribunal (NCLT) में वॉलंटरी इनसॉल्वेंसी प्रॉसिडिंग के लिए आवेदन जमा किया है. लेकिन सवाल है कि क्या कंपनी फिर से दोबारा उड़ान भर पाएगी. क्योंकि कंपनी के पास तेल कंपनियों का बकाया चुकाने के लिए पैसे नहीं है.
ऐसे में गो फर्स्ट की इस स्थिति का फायदा दूसरे एयरलाइंस कंपनियों को हो सकता है. साथ ही संभावना ये भी है कि इस उथल-पुथल से हवाई किराए में भी बढ़ोतरी होगी जो यात्रियों की जेब पर भारी पड़ सकती है. आइए इस रिपोर्ट में जानते हैं इस सवाल का जबाव....
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एयरलाइन के किराया बढ़ने की उम्मीद
फंड की भारी कमी की वजह से जिस तरह गो फर्स्ट अपनी फ्लाइट्स कैंसिल कर रहा है, इसका फासदा दूसरे एयरलाइंस कंपनियों को हो सकता है. हाल ही में स्पाइजेट एयरलाइंस ने घोषणा की है कि वह अपने 25 आउट डेटेड विमान को फिर से शुरू करेगा. इसके लिए कंपनी ने काम करना शुरू भी कर दिया है. इसके अलावा यह भी संभावना है कि आपूर्ति बाधाओं के कारण एयरलाइंस हवाई किराए बढ़ा दें.
गो फर्स्ट के दिवालिया होने से दूसरे एयरलाइंस कैसे प्रभावित होंगे गो फर्स्ट का बाजार कितना बड़ा
DGCA की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी से मार्च 2023 में Go First की एविएशन बाजार में हिस्सेदारी 7.8 फीसदी रही. वहीं, इसके यात्रियों की संख्या 29.11 लाख रही. गो फर्स्ट टाटा समूह की दो एयरलाइंस एयर इंडिया (Air India) और विस्तारा (Vistara) की कॉम्पटिटर थी, जिनकी बाजार हिस्सेदारी क्रमश: 9 फीसदी और 8.8 फीसदी है. Go First के पास मार्च 2023 तक PAX के साथ क्रमशः 7.3 फीसदी और 6.9 फीसदी की बाजार हिस्सेदारी के साथ एयर एशिया और एक अन्य सूचीबद्ध एयरलाइन स्पाइसजेट की तुलना में अधिक बाजार हिस्सेदारी है. गो फर्स्ट रोजाना 200 उड़ानें संचालित करता है. साल 2022 में गो फर्स्ट का मार्केट शेयर 8.9 फीसदी रहा.
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गो फर्स्ट के दिवालिया होने की वजह
गो फर्स्ट ने अपनी उड़ाने कैंसिल करने के पीछे अमेरिकी इंजन कंपनी को दोषी बताया है. Airline ने कहा कि उनके बेड़े के 50 फीसदी विमानों का परिचालन ठप रहा क्योंकि उन्हें अमेरिकी फर्म प्रैट एंड व्हिटनी से आर्डर के मुताबिक इंजन नहीं मिले. Go First ने Pratt & Whitney’s International Aero Engines को 27 अप्रैल 2023 तक कम से कम 10 स्पेयर लीज्ड इंजन और 10 इंजन देने का ऑर्डर दिया था, लेकिन पीएंडडब्ल्यू ने ऑर्डर पूरा नहीं किया. जिसके चलते विमानों का संचालन बाधित हुआ और इसका असर गो फर्स्ट एयरलाइन की कमाई पर पड़ा.
5 साल में दूसरा एयरलाइन दिवालिया
अगर गो फर्स्ट एयरलाइन दिवालिया हो जाता है, तो यह 5 साल में दूसरा विफल एयरलाइन होगा. इससे पहले अप्रैल 2019 में जेट एयरवेज दिवालिया हो चुका है. हालांकि मुरारी लाल जालान और संपत्ति प्रबंधन फर्म कालरॉक द्वारा जेट एयरवेज को बचाया गया, फिर भी बाजार में अपना परिचालन शुरू करना बाकी है. बहरहाल, गो फर्स्ट को रनवे पर फिर से हिट करने में कितना समय लगता है, इस पर गौर किया जाएगा!
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