नई दिल्ली:दुनिया में लगातार महंगाई बढ़ रही है. महंगाई को लेकर अलग-अलग देश अपने ब्याज दरों में बदलाव से लेकर स्थिरता बनाए रखता है. दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश अमेरिका भी महंगाई के मार से पीछे नहीं है. इसी बीच फेडरल रिजर्व की बुधवार को बैठक होने वाली है. सभी की नजर फेडरल रिजर्व की बुधवार की बैठक पर टिकी हैं कि क्या सभी प्रकार के कर्ज पर ब्याज दरें दशकों में अपने उच्चतम स्तर पर रहेंगी या अधिक बढ़ेगी.
वहीं, केंद्रीय बैंक के नीति निर्माताओं से व्यापक रूप से उम्मीद की जाती है कि बुधवार को होने वाली फेड मीटिंग में फंड दर को स्थिर रखेंगे. उस दबाव को बनाए रखेंगे जिसने सामान्य 30-सालों का बंधक रेट को 8 फीसदी की सीमा के भीतर और कार लोन ब्याज को इस हद तक बढ़ा दिया है. जहां प्रति माह 1,000 डॉलर से अधिक का भुगतान आम होता जा रहा है.
फेड अध्यक्ष जेरोम पॉवेल प्रेस कॉन्फ्रेंस में देंगे जानकारी
इससे पहले फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) ने जुलाई में 5.25 फीसदी से 5.50 फीसदी की सीमा तक बढ़ाने के बाद, सितंबर में आखिरी बैठक में अपनी दर को अपरिवर्तित रखा था. इस महीने फेड अधिकारियों की इसारों के आधार पर रेट निर्णय को एक पूर्व निष्कर्ष माना जा रहा है. व्यापारी फेड के नीति वक्तव्य और फेड अध्यक्ष जेरोम पॉवेल की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर बारीकी से नजर रखेंगे, ताकि भविष्य की बैठकों में दरें कम होने से पहले और भी अधिक बढ़ें या नहीं.