नई दिल्ली: वैश्विक एवं घरेलू मोर्चे पर बाजारों में गिरावट के कारण अगस्त के पहले सात कारोबारी सत्रों में ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय पूंजी बाजार से 9,197 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की.
हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि सरकार अगर विदेशी निवेशकों की कर से जुड़ी चिंताओं को दूर कर दे तो स्थिति बिल्कुल अलग हो सकती है.
डिपॉजिटरी के ताजा आंकड़ों के अनुसार विदेशी निवेशकों ने एक से नौ अगस्त की अवधि में शेयर बाजार से 11,134.60 करोड़ रुपये निकाले जबकि ऋण खंड में 1,937.54 करोड़ रुपये का निवेश किया. इस तरह उन्होंने कुल 9,197.06 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की.
विदेशी निवेशकों ने अगस्त में अब तक पूंजी बाजारों से 9,197 करोड़ रुपये की निकासी की - Foreign Portfolio Investors
डिपॉजिटरी के ताजा आंकड़ों के अनुसार विदेशी निवेशकों ने एक से नौ अगस्त की अवधि में शेयर बाजार से 11,134.60 करोड़ रुपये निकाले जबकि ऋण खंड में 1,937.54 करोड़ रुपये का निवेश किया. इस तरह उन्होंने कुल 9,197.06 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की.
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इससे पहले एफपीआई ने 1-31 जुलाई के बीच भारतीय पूंजी बाजार (शेयर और बांड दोनों) से 2,985.88 करोड़ रुपये की निकासी की थी.
विशेषज्ञों का कहना है कि आम बजट में न्यास के रूप में पंजीकृत एफपीआई पर ऊंचे कर की घोषणा के बाद से विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं.
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध विभाग के प्रमुख विनोद नायर के मुताबिक वैश्विक अर्थव्यवस्था में नरमी के कारण विदेशी निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं. इस बात को लेकर डर है कि अमेरिका-चीन व्यापार समझौता, ब्रेक्जिट एवं अन्य भूराजनीतिक मुद्दों से जुड़ी अनिश्चितता के कारण ये नरमी लंबे समय तक बनी रह सकती है.