हैदराबाद: कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद देश में लॉकडाउन घोषित होने से अस्थायी रूप से विनिर्माण सुविधाओं और संयंत्रों को बंद कर दिया गया, जिसके परिणामस्वरुप अप्रैल 2020 के पहले सप्ताह में बेरोजगारी दर में वृद्धि हुई है.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई), एक स्वतंत्र थिंक टैंक, ने मंगलवार को कहा कि पिछले सप्ताह के दौरान बेरोजगारी दर 23.4% थी.
लेकिन सीएमआईई द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले महीने ही स्थिति गंभीर होने लगी थी, क्योंकि भारत में मार्च में बेरोजगारी दर 8.7% दर्ज की गई थी - 43 महीनों में उच्चतम और 98 बेसिस प्वाइंट्स जो कि फरवरी 2020 में बेरोजगारी दर से अधिक है, सबसे बड़ा मासिक वृद्धि दर्ज की गई.
सीएमआईई के प्रबंध निदेशक और सीईओ महेश व्यास ने कहा, "कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रीय बंद के कारण हमें श्रम भागीदारी दर में गिरावट की आशंका थी. लेकिन यह गिरावट लॉकडाउन से पहले भी हुई है. बेशक, यह बहुत बुरा हो गया, क्योंकि हम लॉकडाउन में चले गएं."
सीएमआईई ने आगे कहा कि भारत में रोजगार की दर मार्च 2020 में 38.2% के सभी समय के निचले स्तर पर गिर गई. यह नोट किया कि जनवरी 2020 से दर में गिरावट पिछले दो वर्षों में स्थिर रहने के लिए संघर्ष करने के बाद विशेष रूप से खड़ी हुई है.