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बीस लाख करोड़ रुपये के पैकेज का राजकोषीय प्रभाव 1.50 लाख करोड़ रुपये : रिपोर्ट

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Published : May 17, 2020, 7:25 PM IST

बार्कलेज के भारत में मुख्य अर्थशास्त्री राहुल बजोरिया ने कहा, "हमारा अनुमान है कि इस 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का बजट पर राजकोषीय प्रभाव सिर्फ 1.50 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का 0.75 प्रतिशत बैठेगा. हमने यह निष्कर्ष अपनी गणना और अनुमानों के आधार पर निकाला है."

बीस लाख करोड़ रुपये के पैकेज का राजकोषीय प्रभाव 1.50 लाख करोड़ रुपये : रिपोर्ट
बीस लाख करोड़ रुपये के पैकेज का राजकोषीय प्रभाव 1.50 लाख करोड़ रुपये : रिपोर्ट

मुंबई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा रविवार को घोषित आर्थिक पैकेज की पांचवीं किस्त की लागत 40,000 करोड़ रुपये बैठेगी. इस तरह पिछले कुछ दिन में घोषित उपायों का राजकोषीय प्रभाव 1.50 लाख करोड़ रुपये या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 0.75 प्रतिशत बैठेगा. एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी के 10 प्रतिशत के बराबर पैकेज की घोषणा की थी. इनमें से कई उपायों ऋण गारंटी आदि है जिनकी तत्काल कोई राजकोषीय लागत नहीं बैठेगी.

ये भी पढ़ें-आर्थिक पैकेज : यहां जानिए 20 लाख करोड़ रुपये का पूरा लेखा-जोखा

बार्कलेज के भारत में मुख्य अर्थशास्त्री राहुल बजोरिया ने कहा, "हमारा अनुमान है कि इस 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का बजट पर राजकोषीय प्रभाव सिर्फ 1.50 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का 0.75 प्रतिशत बैठेगा. हमने यह निष्कर्ष अपनी गणना और अनुमानों के आधार पर निकाला है."

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इन घोषणाओं के क्रियान्वयन के बाद चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के छह प्रतिशत तक सीमित रख पाएगी. हालांकि, राजकोषीय घाटे का बजटीय लक्ष्य 3.5 प्रतिशत का है. बजोरियो ने कहा कि रविवार की घोषणाओं में सिर्फ एक उपाय ऐसा है जिसका राजकोषीय प्रभाव होगा. वह है मनरेगा के तहत 40,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन.

(पीटीआई-भाषा)

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